‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण, पाक-चीन की बढ़ी टेंशन

नई दिल्लीः भारत स्वदेश में विकसित अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सोमवार को ओडिशा के व्हीलर द्वीप से चौथा परीक्षण किया गया। इसका पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। इसके बाद 15 सितंबर 2013 को इसका दूसरा परीक्षण तथा 31 जनवरी 2015 को इसका तीसरा परीक्षण हुआ था।अग्नि-5 के सफल परीक्षण ने भारत के दुश्मनों की टेंशन बढ़ा दी है क्योंकि ये मिसाइल इतनी शक्तिशाली है कि इसके जरिए एशिया के बहुत से हिस्से, चीन के उत्तरी क्षेत्र तथा यूरोप के काफी बड़े भाग को लक्ष्य किया जा सकता है। 

मिसाइल की कुछ अहम बातें-

अग्नि 5 मिसाइल 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह एक टन से अधिक वजन के परमाणु आयुध को ढो सकती है। इससे यूरोप तक निशाना लगाया जा सकता है।

अग्नि श्रृंखला की अन्य मिसाइलों के विपरीत 'अग्नि-5' सर्वाधिक आधुनिक मिसाइल है। नैविगेशन और मार्गदर्शन के मामले में इसमें कुछ नई प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है।

भारत के मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम से जुड़ने के बाद यह अग्नि 5 मिसाइल का पहला परीक्षण होगा। यह रिजीम 35 देशों का समूह है जो परमाणु हथियारों के लिए डिलीवरी सिस्टम के विस्तार पर निगरानी रखता है।

अग्नि 5 मिसाइल का परीक्षण एक कैनिस्टर से किया जाएगा, जिससे इसके सभी प्रकार के मौसम और स्थिति मोबाइल लॉन्च की क्षमता रहेगी।

अग्नि 5 मिसाइल 17 मीटर लंबा, दो मीटर चौड़ा है और इसका प्रक्षेपण भार तकरीबन 50 टन है। यह फायर एंड फॉरेगट सिस्टम पर काम करता है।

भारत के पास फिलहाल अग्नि 1, अग्नि 2, अग्नि 3, अग्नि 4 मिसाइल सिस्टम हैं और ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी हैं। अग्नि 1 की रेंज 700 किलोमीटर, अग्नि 2 2000 किलोमीटर रेंज, अग्नि 3 और अग्नि 4 की रेंज 2500 किलोमीटर से 3500 किलोमीटर तक है।

5000 किलो मीटर की मारक क्षमता की मिसाइल रखने वाला अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के बाद भारत पांचवां देश होगा।

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