अनदेखी न करें जूते-चप्पल की यह बातें, शनि की नजरों से बचें

जूते-चप्पल से संबंधित कुछ ऐसी बातें हैं, जिनका ध्यान न रखने पर बहुत सारी अनचाही समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। बाहर से आते समय घर के दरवाजे पर ही जूते-चप्पल उतार दें। इससे बाहरी गंदगी और धूल घर में नहीं आती। घर भी साफ -सुथरा रहता है। इसके लिए आप दरवाजे के पास एक शू-रैक भी रख सकती हैं। वैसे तो यह काफी प्राचीन परंपरा है जिसे सिर्फ एक रूढि़वादिता नहीं माना जा सकता बल्कि यह साइंटिफिक फैक्ट है। घर में जूते रखने के लिए एक स्थान रखें। जहां पर परिवार के सभी सदस्य सलीके से अपने जूते पहनें और उतारें। जिन लोगों के घर में जूते इधर-उधर बिखरे रहते हैं, वहां शनि की अशुभता का प्रभाव रहता है। शनि को पैरों का कारक माना गया है इसलिए पैरों से सम्बद्ध रखने वाली किसी भी वस्तु को साफ़-सुथरा और यथाक्रम रखना चाहिए।


किसी से जूते गिफ्ट में न लें अन्यथा उसका अभाग्य आपके भाग्य का नाश कर देगा।


टूटे-फूटे जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए, अभाग्य बढ़ता है। साफ-सुथरे और सुंदर फुटवियर पहनने से गुडलक हमेशा साथ रहता है।


जूते-चप्पल पहनकर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए। इससे दुर्भाग्य में वृद्धि होती है। 

 
वास्तु के अनुसार घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्वी) में भूलकर भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए। 


रसोई में नंगे पैर ही प्रवेश करें। स्मरण रहे रसोई व्यवस्थित, शुद्ध और साफ-सुथरी होनी चाहिए। ऐसी रसोई में देवी-देवता अपना स्थाई वास बना लेते हैं जिससे घर में कभी भी धन, सकारात्मकता और सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती।


जूते-चप्पल का गुमना शुभ शकुन माना जाता है। बड़े बुजुर्ग कहते हैं की इससे अशुभ ग्रह शुभ होते हैं लेकिन जब व्यक्ति शनि की नजरों में आता है तो उसके जूते-चप्पल या तो गुम होने लगते हैं अथवा बहुत जल्द टूट जाते हैं। बहुत बार तो अकस्मात लंबी यात्राएं भी करनी पड़ जाती हैं। शनिवार को जूते-चप्पल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है विशेषतौर पर चमड़े के जूते चप्पल। शनिवार की शाम जूते का दान करें।

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