एक ही टेबल पर वोट करेंगे PM मोदी और सोनिया

नई दिल्ली राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एक ही टेबल पर बैठकर अपने-अपने उम्मीदवार काे वाेट देंगे। बैलेट पेपर से लेकर बैलेट बॉक्स में डालने से पहले की सारी प्रक्रिया टेबल नं. 6 पर होगी। यह मतदान संसद भवन में स्थित कमरा नं. 62 में किया जाएगा। नए राष्ट्रपति के लिए 17 जुलाई को सुबह 10ः00 बजे से वोटिंग का सिलसिला शुरू होगा। संसद भवन से लेकर देश की तमाम विधानसभाओं में वोटिंग शाम 5ः00 बजे तक चलेगी। वाेटाें की गिनती 20 जुलाई को सुबह 10ः00 बजे संसद के कमरा नंबर 62 में शुरू होगी। विधानसभाओं में भी वोटों की गिनती जारी रहेगी। राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की संख्या कम होती है, इसलिए दोपहर तक नतीजे आने की उम्मीद की जा रही है।

कैसे होता है भारत के राष्ट्रपति का चुनाव?
भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए यहां राष्ट्रपति का चुनाव भी लोकतांत्रिक पद्धति या संवैधानिक तरीके से होता है। भारत के महामहिम राष्ट्रपति को इलेक्टोरल कॉलेज चुनता है जिसमें लोकसभा, राज्यसभा और अलग अलग राज्यों के विधायक होते हैं। उनका सिंगल वोट ट्रांसफर होता है, पर उनकी दूसरी पसंद की भी गिनती होती है। संविधान के अनुच्छेद 54 में इसका वर्णन है।

कौन करता है वोट?
भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुने गए सदस्य और लोकसभा तथा राज्यसभा में चुनकर आए सांसद अपने वोट के माध्यम से करते हैं। प्रेजिडेंट की ओर से संसद में नॉमिनेटेड मेंबर वोट नहीं डाल सकते। राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों को भी वोटिंग का अधिकार नहीं है, क्योंकि वे जनता द्वारा चुने गए सदस्य नहीं होते।

महज वोट से हासिल नहीं होती जीत
राष्ट्रपति के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती है। राष्ट्रपति वही बनता है, जो वोटरों यानी सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा हिस्सा हासिल करे। इस समय राष्ट्रपति चुनाव के लिए जो इलेक्टोरल कॉलेज है, उसके सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 10,98,882 है। इसलिए जीत के लिए प्रत्याशी को 5,49,442 वोट हासिल करने होंगे। जो प्रत्याशी सबसे पहले यह वोट हासिल करता है, वह राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा।

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