किडनी डोनेट करने में भी लिंग पक्षपात, 80 फीसदी महिलाएं बचाती हैं पुरुषों की जान
किडनी डोनेशन के आंकड़े से एक हैरान करने वाली बात पता चली। आंकड़ों के मुताबिक कुल किडनी डोनेट करने वालों में 70-80 फीसदी महिलाएं हैं जिनमें 50 फीसदी पत्नी, 20 फीसदी माताएं और 10 फीसदी बहनें हैं। किडनी डोनेट करने के मामले में पुरुष महिलाओं से काफी पीछे हैं। गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर परमिंदर सिंह का कहना है कि पंजाब में किडनी डोनेट करने के हर साल 170 से अधिक मामले आते हैं। वहीं इस साल ऐसे 87 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। किडनी डोनेशन के मामलों में भी लिंग पक्षपात साफ तौर पर दिखाई देता है। जब घर में किसी पुरुष को किडनी की आवश्यकता होती है तो उसे घर के पुरुष नहीं बल्कि महिला किडनी देती हैं। ऐसा अधिकतर मामलों में देखा गया है।
इन तीन मामलों में भी ऐसा ही हुआ
किडनी डोनेट करने से नहीं होती कोई कमजोरी
गुरु नानक देव अस्पताल के डॉक्टर सुरेंद्र पाल का कहना है कि किडनी डोनेट करने के बाद डोनर को किसी प्रकार की शारीरिक कमजोरी का अनुभव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य भी सही नहीं है कि किडनी डोनेट करने के बाद पुरुष बच्चे पैदा नहीं कर सकते।
साथ ही यह भी एक तरह की गलतफहमी है कि किडनी डोनेट करने के बाद महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि किडनी डोनेट करने के बाद जिंदगी पहले की तरह ही सामान्य हो जाती है। किडनी डोनट करने से व्यक्ति को भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है।