कुवैत के महाबुला में फंसे 2500 पंजाबी युवक, लगाई मदद की गुहार

जालंधर/कुवैत: पैसा कमाने और आगे बढऩे की सोच को लेकर विदेश जाने की चाहत रखने वाले पंजाब के कई नौजवान एजैटों के चक्कर में फंसकर अपना सब कुछ दाव पर लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कुवैत के महाबुला टाऊन में देखने को मिला है। पंजाब के फिरोजपुर शहर के रहने वाले बलबीर ने फ ोन पर बताया कि जालंधर के एक मशहूर ट्रैवल एजैंट ने अक्तूबर 2016 में उससे 1 लाख रुपए लेकर उसे कुवैत में मुशरिफ  कंपनी में काम करने ले लिए वीजा दिलवाया, लेकिन यहां आकर पैसे कमाने की जगह वह फं स गया है।

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उसने बताया कि वह जिस कंपनी में काम कर रहा है वहां न तो उसे काम के बदले पैसे मिल रहे हैं और न ही खाने के लिए खाना और पीने के लिए पानी मिल रहा है तथा जो खाना कंपनी देती है वह खाने के लायक नहीं है। कंपनी ने उसका पासपोर्ट तक जब्त कर लिया है, जिससे न ही वह कहीं और बाहर जाकर काम कर सकता है। बलबीर सिंह ने बताया कि कंपनी में स्टील फि क्सर, मैसन, कारपेंटर व अन्य कार्य करने वाले और भी कई पंजाबी व देश के दूसरे हिस्सों के लोग फं से हुए हैं। ट्रेड में काम दिलवाने की बजाय एजैंटों ने उन्हें लेबर में भेज कर वहां फं सा दिया है।

भारतीय दूतावास ने कहा-जाओ काम करो
बलबीर ने बताया कि केवल वह ही नहीं उसके साथ यहां 2500 लोग और हैं, जिनमें से अधिकतर लोग जालंधर के मशहूर ट्रैवल एजैंट द्वारा भेजे गए हैं। यह लोग फि रोजपुर, अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना, होशियारपुर, जगराओं, नकोदर व अन्य शहरों से आए हुए हैं। इन लोगों का कहना है कि वे महाबुला से 35 किलोमीटर दूर स्थित भारतीय दूतावास तक पैदल चल कर गए और मदद की गुहार लगाई, लेकिन भारतीय दूतावास ने उनकी सहायता करने की बजाय उन्हें कंपनी में काम करने की सलाह दी। कुवैत में फं से पंजाबियों ने बताया कि जब हमने इस संबंध में जालंधर स्थित एजैंट से बात की तो उसने कोई मदद नहीं की।

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