खराब खाने पर संसद में हूटिंग के बाद, रेल मंत्री ने रद्द किया राजधानी में खाने का ठेका

ट्रेनों में घटिया खाने की आपूर्ति और खराब पेयजल के सवाल पर लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री सुरेश प्रभु बुरी तरह घिर गए। जवाब के दौरान उन्हें बार-बार हूटिंग का भी शिकार होना पड़ा। इस सवाल पर सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने भी नाराजगी जाहिर की। तीखी नोकझोंक के बीच स्पीकर सुमित्रा महाजन को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा। 
 
स्पीकर को करना पड़ा रेलमंत्री का बचाव

खानपान से जुड़ी चौतरफा शिकायतों के बीच स्पीकर को भी रेल मंत्री के बचाव में कहना पड़ा कि क्या लोग खाने के लिए ट्रेनों में सफर करते हैं। गौरतलब है कि मंगलवार को ही नई दिल्ली-सियालदह राजधानी ट्रेन में खराब खाने से कई यात्री बीमार हो गए थे। रेल मंत्री ने सदन में ही कांट्रैक्टर आरके एसोसिएट्स का ठेका रद्द करने की घोषणा की।

प्रश्नकाल के दौरान जैसे ही रेल मंत्रालय से संबंधित सवाल आया, तृणमूल के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। दूसरे दलों के सदस्यों के सवाल का जवाब दे रहे रेल मंत्री को कई बार टोका।

टीएमसी सांसदों ने की तीखी बहस

टीएमसी सांसद सौगात राय और कल्याण बनर्जी ने कई बार रेल मंत्री से तीखी बहस की। इस दौरान रेल मंत्री ने नई खानपान नीति लागू करने और धीरे धीरे स्थिति में सुधार की बात कही। उन्होंने कहा कि खाना आपूर्ति से संबंधित ज्यादातर टेंडर यूपीए सरकार के कार्यकाल में जारी किए गए थे।

इसी बीच जब सियालदह राजधानी में हुई घटना का जिक्र आया तो रेल मंत्री ने इससे जुड़े कांट्रैक्टर का ठेका रद्द करने की घोषणा की। उन्होंने ट्रेनों के लिए ई-कैटरिंग शुरू किए जाने की जानकारी दी और दावा किया कि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ जाएगा। खास बात यह रही कि खाने की गुणवत्ता के सवाल पर विपक्ष के सांसदों को सत्तारूढ़ सांसदों का भी साथ मिला।

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