ट्रिपल मर्डर मामले में 28 साल बाद आया फैसला, शहाबुद्दीन बरी

नई दिल्ली
28 साल पुराने ट्रिपल मर्डर केस में RJD के नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को स्थानीय अदालत ने बड़ी राहत दी है। सोमवार को जमशेदपुर कोर्ट ने इस हत्याकांड में आरोपी शहाबुद्दीन को बरी कर दिया। 28 साल पहले कांग्रेस नेता प्रदीप मिश्र सहित 3 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। इस घटना में शहाबुद्दीन का नाम उस शूटर के तौर पर सामने आया था जिसे कथित तौर पर इलाके के दबंग साहिब सिंह ने हायर किया था।

तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन की इस मामले में 3 अप्रैल को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी। 15 मिनट की इस पेशी में वह ADJ अजीत कुमार सिंह की अदालत के सामने खड़े रहे। इस हत्याकांड में उनका बयान भी ऑनलाइन रिकॉर्ड किया गया था। बयान में शहाबुद्दीन ने खुद को निर्दोष बताया था।

हत्याकांड में जान गंवाने वाले युवा कांग्रेस के तत्कालीन जिलाध्यक्ष प्रदीप मिश्र के परिवारवालों ने अदालत के फैसले पर अफसोस जाहिर करते हुये कहा, 'मामले में पिछले 25 सालों में कभी भी चश्मदीद गवाह बरमेश्वर पाठक की गवाही नहीं कराई गई। इसी कारण शहाबुद्दीन बरी हो गया।'

गौरतलब है कि 02 फरवरी 1989 की शाम जुगसलाई में टाटा स्टील पावर हाउस के पास प्रदीप मिश्रा सहित जनार्दन चौबे और आनंद राव की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसे जुगसलाई हत्याकांड के नाम से भी जाना जाता है।

मामले में शहाबुद्दीन सहित 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 3 की ट्रायल के दौरान मौत हो गई और 4 को 2006 में बरी कर दिया गया था। शहाबुद्दीन का ट्रायल अलग से चलाया गया था क्योंकि सालों तक कई बार समन भेजने के बावजूद शहाबुद्दीन की कोर्ट में पेशी नहीं कराई जा सकी थी।

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