तमिलनाडु विधानसभा: फ्लोर टेस्ट में विधायकों का हंगामा, तोड़ी कुर्सियां, स्पीकर से धक्का-मुक्की

हंगामा करते हुए ये विधायक सदन के वेल तक पहुंच गए. गुप्त मतदान की मांग कर रहे द्रमुक विधायक कागज फाड़ने लगे. उन्होंने सदन में रखी कुर्सियां फेंकी और माइक्रोफोन तोड़ डाले. यहां तक कि विधानसभा में अफरातफरी मच गई. स्पीकर की कमीज फाड़ दी गई और उनकी बेइज़्जती की गई. खुद विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की.

सदन में इस तरह के माहौल को देखते हुए पुलिस को अंदर बुलाना पड़ा. बाद में स्पीकर को सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में बाहर ले जाया गया. शक्ति परीक्षण के दौरान इस दौरान द्रमुक विधायकों ने पन्नीरसेल्वम के समर्थन में जमकर नारे लगाए. ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही पहले दोपहर एक बजे और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

दरअसल, दो दिन पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले पलानीस्वामी को राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था, लेकिन उन्होंने शनिवार को ही अपना बहुमत साबित करने का विकल्प चुना.

कोयंबटूर उत्तर के विधायक अरूण कुमार की ओर से मतदान में अनुपस्थित रहने की घोषणा किए जाने पर विद्रोही ओ पनीरसेल्वम खेमे को बल मिला था. मेलापोर के विधायक और पूर्व डीजीपी आर नटराज ने भी सरकार के खिलाफ मतदान का फैसला किया था.

इन दोनों के फैसले के बाद पलानीस्वामी खेमे के पास अब एक रिक्ति वाले 234 सदस्यीय सदन में 122 विधायक रह गए. द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि खराब स्वास्थ्य के चलते सदन में मौजूद नहीं थे.

पनीरसेल्वम के खेमे ने सेम्मलई को विधानसभा में पार्टी का सचेतक नियुक्त किया और इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेज दिया था. पत्र में कहा गया कि हम आपकी स्वीकृति और तत्काल आदेशों के लिए एस सेम्मलई का नाम सुझा रहे हैं. पनीरसेल्वम और मधुसूदनन की ओर से हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया कि हम यह अनुरोध भी करते हैं कि इसे सरकार को भेजा जा सकता है और तत्काल ही मंजूरी हासिल की जा सकती है.

पलानीस्वामी को झटका

विश्वास मत की पूर्व संध्या पर पलानीस्वामी गुट को उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी आर नटराज ने कहा कि वे पलानीस्वामी के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे.

नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलानीस्वामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम होकर 123 रह गई. अन्नाद्रमुक ने वरिष्ठ पार्टी नेता केए सेनगोट्टायन को सदन में पार्टी का नेता चुना है.

द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी पलानीस्वामी सरकार के विश्वास मत के खिलाफ मतदान करेगी. कांग्रेस ने भी विश्वास मत के खिलाफ ही वोटिंग करने का फैसला किया.

पनीरसेल्वम की भावुक अपील

इधर, पनीरसेल्वम ने अन्नाद्रमुक विधायकों से मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की शुक्रवार रात अपील करते हुए कहा था कि उन्हें ’परिवार राज’ का समर्थन नहीं करना चाहिए. विश्वास प्रस्ताव का समर्थन दिवंगत प्रमुख जयललिता और उनको वोट देने वालों को धोखा देने के बराबर होगा.

पनीरसेल्वम ने एक संदेश में अन्नाद्रमुक विधायकों को कहा कि जयललिता ने उन सब को तैयार किया और एक पहचान दिलाई. उन्होंने द्रमुक का नाम लिए बिना कहा कि जयललिता ने अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते हुए राज्य में परिवार राज की स्थापना नहीं होने पाए, इसके लिए राज्यभर का दौरा किया.

उन्होंने पार्टी महासचिव शशिकला के 2011 में पार्टी से निकाले जाने का जिक्र करते हुए विधायकों से पूछा कि क्या वह ऐसे निष्कासित व्यक्ति के परिवार राज का सहयोग करेंगे?

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