दुनिया के सामने पाक की फजीहत के डर से अमरनाथ हमले की जिम्मेदारी नहीं ले रहा लश्कर !

अमरनाथ यात्रियों पर सोमवार रात हुए आतंकी हमले में केंद्रीय एजेंसियां लश्कर ए तैयबा के शामिल होने की बात कह रही थी। लेकिन लश्कर ने सभी खबरों का खंडन करते हुए हमले की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। लश्कर के हमले में शामिल होने की बात को नकारना पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दवाब को दर्शाता है। 

एक इंटेलीजेंस ऑफीसर ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि आतंकी हमले में लश्कर इसलिए अपनी भूमिका को नकार रहा है क्योंकि इस बार हमला सेना पर नहीं किया गया बल्कि सिविलियन्स पर किया गया है। निर्दोष सिविलियन्स को मारने पर पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दवाब बढ़ेगा। जोकि पाकिस्तान के लिए समस्या पैदा कर सकता है क्योंकि पाकिस्तान से बार-बार हाफिज सईद को पकड़ने के लिए कहा जाता रहा है। वैश्विक दवाब की वजह से ही हाफिज सईद को नजरबंद रखने को कहा गया था। 

हांलाकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लश्कर की भूमिका की ओर इशारा किया है। और अपनी रिपोर्ट में अज्ञात बंदूकधारियों का जिक्र किया है। रिपोर्ट के अनुसार टायर पंचर होने की वजह से बस रूकी थी। जिसमें ओवर ग्राउंड्स वर्कर्स के भी आतंकियों से मिले होने की संभावना है। 

जम्मू -कश्मीर सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने बस पर दो बार हमला किया। पहला हमला हब्बा खतौन पेट्रोल पंप के पास और दूसरा 75 गज दूर से किया गया। बस पर हमले से पहले आंतकियों ने पुलिस और अरवानी में G/90 बटालियन पर भी हमला किया था लेकिन इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था।

वहीं CRPF ने यह भी बताया कि जिस बस पर हमला किया गया वह अमरनाथ श्राइन बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं थी। और सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन नहीं कर रही थी।

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