नेपाल को दूर नहीं जाने देना चाहता भारत, सुषमा ने दिया मजबूत भरोसा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल के शीर्ष नेतृत्व को मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का भरोसा देते हुए कहा है कि भारत साझा हितों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पड़ोसी देश की सरकार के साथ अपने सदियों पुराने रिश्तों और साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की राह देख रहा है। बता दें कि नेपाल की दो दिवसीय सद्भावना यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को काठमांडू पहुंची भारतीय विदेश मंत्री ने शुक्रवार को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की। सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष प्रचंड के साथ शुक्रवार को बातचीत करने के बाद वह दिल्ली लौट गईं। 


'राजनीतिक स्थिरता और विकास हासिल करने में नेपाल का भरपूर सहयोग करेंगे'


भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पड़ोसी देश के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत में सुषमा ने कहा कि भारत साझा हितों के मद्देनजर आर्थिक तरक्की और विकास के लिए नेपाल की लोकतांत्रिक सरकार के प्रयासों में भरपूर सहयोग करेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि बातचीत के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने नेपाल के साथ भारत के अद्वितीय, बहुआयामी और ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। 


वहीं प्रचंड ने भारतीय विदेश मंत्री के साथ हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि हमने नई सरकार के गठन की तैयारी के बाद उभर रहे हालातों पर बातचीत की। मैंने सुषमा से कहा कि हम राजनीतिक स्थिरता और विकास चाहते हैं जिसके लिए हमें पड़ोसी देशों से सहयोग की आवश्यकता है। इस पर भारतीय विदेश मंत्री ने हमें आश्वस्त किया कि भारत राजनीतिक स्थिरता और विकास के लिए नेपाल का पूरा सहयोग करेगा।    


देश के राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानने को बेहद उत्सुक थीं सुषमा


माओवादी नेता प्रचंड ने बताया कि सुषमा स्वराज नेपाल में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानने के लिए बेहद उत्सुक थीं। हमारे बीच बहुत सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत हुई। प्रचंड ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में जीत हासिल करने पर भारतीय विदेश मंत्री ने वाम गठबंधन को बधाई भी दी। बता दें कि प्रचंड की पार्टी ने हाल ही में नेपाल में हुए चुनावों में सीपीएन – यूएमएल के साथ वाम गठजोड़ बनाया था।


पड़ोसी को दूर नहीं जाने देना चाहता है भारत


नेपाल में हालिया चुनावों के बाद वामपंथी गठबंधन की सरकार बनने की तैयारियों के बीच भारतीय विदेश मंत्री का यह आकस्मिक दौरा पड़ोसी देश के साथ रिश्तों को लेकर काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एमाले) केअध्यक्ष केपी शर्मा ओली के साथ सुषमा की बातचीत के बेहद खास मायने हैं जिनके अगला प्रधानमंत्री होने की प्रबल संभावना है। जानकारों के मुताबिक, भारत किसी भी सूरत में नेपाल को अपने से दूर नहीं जाने देना चाहता है। 


भारत के साथ बढ़ाएंगे साझेदारी : ओली  

सीपीए-यूएमएल सूत्रों के मुताबिक, सुषमा के साथ हुई बातचीत के बारे में केपी शर्मा ओली ने बताया कि आर्थिक तरक्की की राह पर देश को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पार्टी भारत के साथ साझेदारी बढ़ाएगी। वहीं राष्ट्रपति भंडारी के कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों नेताओं में भारत-नेपाल के बीच मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों के साथ-साथ साझा चिंताओं पर भी बातचीत हुई। भारतीय विदेश मंत्री ने दोनों देशों के लोगों के बीच मित्रता और सहयोग को बढ़ाने को लेकर नेपाल के प्रतिष्ठित मधेसी नेताओं, राजेंद्र महतो, महानता ठाकुर और उपेंद्र यादव के साथ भी बात की।

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