नोटबंदी के बाद PM मोदी का पहला इंटरव्यू, बदलते नियम पढ़िए क्या कहा

नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पहले इंटरव्यू में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है। 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद लगातार बदलाव करने के जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा, लोगों को नीति और रणनीति में फर्क समझना चाहिए और उन्हें एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा, नोटबंदी का निर्णय हमारी नीति को प्रदर्शित करता है और यह पूरी तरह से सुस्पष्ट, अटल है। हमारी रणनीति को नीति से अलग होने की जरूरत है और यह एक कहावत से स्पष्ट होती है कि तू डाल डाल, मैं पात पात। हमें अपने दुश्मन से दो कदम आगे रहना चाहिए।

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर हताश होने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष ने संसद को बाधित करके पहली बार बेइमान लोगों को खुले तौर पर बचाने के लिए प्रयास किया। वहीं नोटबंदी को बड़ा कुप्रबंधन और संगठित लूट बताने वाले मनमोहन सिंह की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम संभवत अपने नेतृत्व के दौरान हुए टूजी स्पेक्ट्रम, सीडब्ल्यूजी और कोयला ब्लाक आवंटन जैसे घोटालों का जिक्र कर रहे थे।

नोटबंदी पर बदलते नियम पीएम ने कहा- ऐसी कोई बात नहीं होगी

मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद समस्यों को पहचान लिया गया है। हम तत्परता से प्रतिक्रिया दे रहे हैं और जरूरी कदम उठा रहे हैं। इसे खराब तरीके से लागू करने के संकेत की बजाए यह तीव्रता से प्रतिक्रिया देने की हमारी चुस्ती को प्रदर्शित करता है जो सामने आ रही स्थितियों को देखते हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि अगर हम एक दिशानिर्देश जारी करते और उन्हें उसी रास्ते पर चलने देते, तब कई लोग इसे पसंद करते। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसी कोई बात नहीं होगी।

कालाबाजारियों और भ्रष्ट लोगों को गंभीर चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर दुश्मन भागेगा तब हम उसका पीछा करेंगे। अगर वे अपना तरीका बदलेंगे, तो हम भी अपना तरीका बदलेंगे। जब भ्रष्ट लोग धोखाधड़ी का नया रास्ता तलाशेंगे, तो निश्चित तौर पर हम नये तरीकों से उनपर लगाम लगाएंगे।

नोटबंदी का फैसला राजनीतिक नहीं

पीएम मोदी ने एक मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में कहा, "नोटबंदी के फैसले में कुछ भी राजनीतिक नहीं हैं। यह कड़ा फैसला था जो अर्थव्यवस्था और हमारे समाज की सफाई के लिए था। अगर मैं अल्पकालिक राजनीति फायदे की सोचता तो मैं यह कभी नहीं करता।

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