पाकिस्तानी सीजफायर का दे रहे हैं माकूल जवाब: डेप्युटी आर्मी चीफ

नई दिल्ली  भारत-पाकिस्तान के बीच 778 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा और 198 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर वर्ष 2016 के सितंबर माह में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। बता दें कि 2017 में नियंत्रण रेखा पर 860 बार सीमा पार से सीजफायर उल्लंघन हुआ। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा भारी गोलाबारी में रविवार को सेना के चार जवानों के शहीद होने के बाद सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। 

पिछले वर्ष 860 बार हुए युद्ध विराम के उल्लंघन के इतर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी 120 बार सीजफायर किया गया है। पिछले 15 वर्षों के आंकड़ों की तुलना में यह संख्या सबसे ज्यादा है। आर्मी के मुताबिक, इस वर्ष 36 दिनों में सीजफायर उल्लंघन के मामले 241 के पार पहुंच गए और इसमें 9 भारतीय जवान शहीद हुए हैं। 


जानिए, क्या बोले आर्मी चीफ 

आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का कहना है, 'पाकिस्तान आर्मी को सीजफायर उल्लंघन में हमारी अपेक्षा तीन-से चार गुना ज्यादा नुकसान हुआ है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए जैसे को तैसा सबक सिखाया जा रहा है।' 

'सेना दे रही है मुंहतोड़ जवाब ' 

राजौरी जिले में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी गोलाबारी में एक कैप्टन और तीन जवान शहीद हो गए। डेप्युटी आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने सोमवार को कहा, 'यह (जवाबी कार्रवाई) बिना कुछ कहे चल रही है, मेरा मानना है कि मुझे यह कहना नहीं है। हमारी कार्रवाई खुद बोलेगी।' चंद ने कहा कि पाकिस्तानी सेना सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ का समर्थन कर रही है। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'हम इस तरह की कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम समुचित ढंग से जवाब दे रहे हैं।' 

'पाकिस्तान को हुआ ज्यादा नुकसान' 

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'पाकिस्तान को हमसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से पाकिस्तानी सेना अपने यहां हुए नुकसान के आंकड़ों को अपनी संसद में उठाने से घबरा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले साल सीजफायर उल्लंघन में भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में 130-140 पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं।' सीजफायर उल्लंघन की कीमत भारतीय सैनिकों ने भी चुकाई। पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 62 जवान शहीद हुए। सीमापार से हुई फायरिंग में 15 जबकि घुसपैठ के दौरान मुठभेड़ में 17 और 30 आतंकवादी हमलों में शहीद हुए। 

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