पेट्रोल पंप पर इस ट्रिक से काटी जाती है आपकी जेब!

पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल भरवाते समय हमेशा एक शंका मन में होती है कि पूरे पैसे का पेट्रोल टंकी में भरा गया है या नहीं. यह शंका सही भी है. आपको बता दें कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने के लिए आने वाले ग्राहकों की जेब काटना बेहद आसान है.

सिर्फ एक बार पेट्रोल पंप में चिप लगाकर प्रोग्रामिंग करने के बाद सालों तक लाखों ग्राहकों को आसानी से चपत लगाई जा सकती है और करोड़ों रुपये डकारे जा सकते हैं. हाल ही में लखनऊ में पेट्रोल पंपों में चोरी के मामले सामने आए हैं.

कैसे चल रहा है यह गोरखधंधा आइए बता रहे हैं तकनीकी और साइबर जगत के एक्‍सपर्ट किसलय चौधरी..

पेट्रोल पंप के संचालक ईंधन की चोरी करने के लिए पेटोल पंप में एक चिप लगाते हैं. जिसमें पहले से ही प्रोग्रामिंग की हुई होती है. यह चिप पेट्रोल पंप में लगे पल्‍स रीडर के पास फिट की जाती है. जो पल्स की स्‍पीड तेज कर देती है, लेकिन वाहन की टंकी में गिरने वाले ईंधन की गति कम हो जाती है. ऐसे में तेजी से चलते पल्‍स के मीटर को देखकर ग्राहक को लगता है कि पेट्रोल टंकी में जा रहा है.

तीन प्रकार की चिप बाजार में उपलब्‍ध-

  • पहला ऑटोमैटिक चिप – यह चिप बाजार में उपलब्‍ध है इसमें ग्राहक को नुकसान पहुंचाने यानि पेट्रोल की चोरी का प्रतिशत फिक्‍स कर दिया जाता है. जैसे पांच-छह या दस फीसदी. इसे कोड के माध्‍यम से 24 घंटे में सिर्फ एक बार एक्टिवेट करना होता है. फिर यह पेट्रोल डिस्‍पेंस होते समय खुद अपना काम करती रहती है. इसे डीएक्टिवेट करने का भी कोड होता है.


स्‍टेटस- अभी तक इस चिप के इस्‍तेमाल के मामले सामने नहीं आए हैं. इसकी वजह यह है कि छापेमारी के वक्‍त इसे पकड़ना आसान है.

  • रिमोट चिप– पल्‍स रीडर के पास लगी इस चिप को रिमोट से कंट्रोल किया जाता है. इसमें भी ईंधन चोरी का प्रतिशत फिक्‍स कर दिया जाता है. इसे पेट्रोल पंप संचालक ग्राहक के अनुसार एक्टिवेट करता है. अगर कोई अधिकारी या तेजतर्रार ग्राहक है तो रिमोट से इस चिप को बंद रखा जाता है.


स्‍टेटस- लखनऊ पेट्रोल पंपों में इस किस्‍म के चिप मिले हैं.

  • रिमोट ऑप्‍शन चिप– इस चिप में चार विकल्‍प होते हैं ए बी सी डी. चारों विकल्‍पों में ईंधन चोरी का प्रतिशत अलग-अलग फिक्‍स कर दिया जाता है. अब ग्राहकों को देखकर इसके विकल्‍पों का रिमोट से कंट्रोल किया जाता है. इससे मीटर पर पेट्रोल का डिस्‍पेंस दिखता है लेकिन पेट्रोल की कम मात्रा टंकी में जाती है.


स्‍टेटस- इस चिप का भी इस्‍तेमाल हो रहा है. पंजाब और लखनऊ में इसके मामले सामने आए हैं.

पेट्रोल लेते समय रखें ध्‍यान

  •  मीटर ज्‍यादा तेज चल रहा हो तो एहतियात बरतें और पूछताछ करें. ज्‍यादा तेज गति से पेट्रोल कार की टंकी में 100 फीसदी नहीं आ पाता.
  •  कोशिश करें कि जब भी पेट्रोल भरवाएं टंकी फुल कराएं. ताकि आपको अंदाजा रहे कि कितने लीटर में टंकी फुल होती है. अगर गड़बड़ होगी तो आसानी से पकड़ में आ जाएगी.
  • मीटर पर नजर बनाए रखें और देखें कि गिनती तीन से शुरू हो.
  • राउंड फिगर में पेट्रोल न डलवाएं.
  • हर पंप के ऊपर पांच लीटर का नपना होता है, उस पर चेक कराया जा सकता है, उसकी वैधता भी जांची जा सकती है. अगर उस पर नापतोल विभाग की मुहर नहीं है तो इसकी शिकायत भी की जा सकती है.


यहां कर सकते हैं शिकायत

पेट्रोल पंप पर कोई भी गड़बड़ी होने पर आप नापतोल विभाग की वेबसाइट पर जाकर शिकायत कर सकते हैं. अगर आपको संदेह भी है तब भी विभाग पेट्रोल पंप पर जाकर जांच करेगा.

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