भड़काऊ भाषण पर चुनाव आयोग नाराज, लिखी सख्त चिट्ठी

निर्वाचन आयोग ने पाया है कि कुछ नेता धार्मिक मामलों को उठाकर आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों को दरकिनार करते हैं. आयोग ने इस संबंध में राजनीतिक दलों को पत्र लिखा है.

चुनाव आयोग ने कहा कि उपचुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के पदाधिकारी आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के तहत कवर नहीं होने वाले इलाकों में धार्मिक या साम्प्रदायिक आधार पर अपील करते हैं और ऐसा करके वे इसके प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं.

आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के दलों को पत्र लिखकर कहा , ‘‘इसके दूरगामी परिणाम होंगे क्योंकि इससे उन संसदीय या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के दिमाग पर निश्चित ही प्रभाव पड़ेगा जहां उपचुनाव हो रहे हैं जिससे उस निर्वाचन क्षेत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव में बाधा उत्पन्न होगी.’ आयोग ने राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वे अपने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को सलाह दें कि ‘वे समाज की शांति में बाधा पैदा करने के इरादे वाली ऐसी अपील करने से बचें.’ आयोग ने 29 जून को लिखे पत्र में कहा कि इस प्रकार के बयान देश के किसी भी हिस्से में किसी भी समय नहीं दिए जाने चाहिए.

उसने कहा कि जिन इलाकों में आदर्श आचार संहिता लागू नहीं भी है, वहां भी शब्दों का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ताकि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बरकरार रखी जा सके. इसके अलावा समान्य लोगों में कोई दुर्भावना पैदा नहीं होनी चाहिए कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने के अनुरूप माहौल मुहैया कराने के लिए अनिवार्य है.

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