मालदीव में आपातकाल, राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने की घोषणा

मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में आपातकाल लगा दिया है। सोमवार शाम को इसकी घोषणा की गई है। आपातकाल 15 दिनों के लिए लगाया गया है। जब से राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनाकर किया है, तब से पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। बता दें, राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी नेताओं के एक समूह की रिहाई का आदेश दिया था, लेकिन राष्ट्रपति ने मानने से मना कर दिया। सोमवार को राष्ट्रपति ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी नेताओं के एक समूह की रिहाई का आदेश देने में अपने अधिकारों की सीमा रेखा लांघ ली।


राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम ने अदालत को लिखे एक पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने सरकार की शक्तियों का अतिक्रमण किया और यह राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से सरकार की चिंताओं पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। यह पत्र उनके कार्यालय द्वारा जारी किया गया है। इससे पहले, कानून मंत्री अजीमा शकूर ने कहा कि 'सरकार यह नहीं मानती है कि राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू किया जा सकता है।

सरकार का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि विरोधी नेताओं को दोषी ठहराने वाले फैसले राजनीति रूप से प्रेरित हैं। न्यायालय के फैसले के बाद विपक्षी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और सरकार से आदेश पर अमल का आग्रह किया। बीते गुरूवार और शुक्रवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी। वहीं, संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका सहित कई देशों ने मालदीव की सरकार से कहा है कि वह न्यायालय के आदेश का सम्मान करे। 


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