रूस में टेररिस्ट अटैक:2 मेट्रो स्टेशनों में धमाके, 10 की मौत, 50 घायल

रूस के पीटर्सबर्ग शहर में दो मेट्रो स्टेशनों (पीटर्सबर्ग मेट्रो स्टेशन और सनाया मेट्रो स्टेशन) पर हुए भीषण धमाकों से 10 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके में कम से कम 50 लोगों के घायल होने की भी खबर है।

स्थानीय मीडिया में इन धमाकों को आतंकी हमला बताया गया है।

घटनास्थल की जो भयावह तस्वीरें सामने आई हैं उनमें लोग खून से लथपथ भागते हुए दिख रहे हैं।

यह धमाका ब्लू लाइन अंडरग्राउंड मेट्रो पर हुआ। घटना के बाद से इलाके तीन मेट्रो स्टेशनों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

स्टेशन को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना सोमवार को स्थानीय समयानुसार दिन के करीब 2:30 बजे की है। यानी भारतीय समयानुसार शाम करीब 5 बजे धमाके हुए।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मामले की हर एंगल से जांच कराने की बात कही है। उन्होंने हादसे में हताहत हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

रूस की आतंकवाद निरोधी समिति ने कहा कि यह एक आईईडी धमाका था, जो संभवत: किसी डिब्बे में छिपाकर रखा गया था।

धमाके के लिए इस्तेमाल किए गए बम में कीलें भरी थीं। धमाके के बाद सभी मेट्रो ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया।

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धमाके के बाद सेन्नाया प्लोश्चड मेट्रो स्टेशन पर आठ एंबुलेस खड़ी थीं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में दो मेट्रो स्टेशनों पर धमाके की बात कही गई।

धमाका ऐसे समय हुआ है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बैठक करने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग में मौजूद थे। पीटर्सबर्ग मॉस्को के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

कब-कब हुए रूस में बम धमाके?

इससे पहले 2010 को यहां दो महिला आत्मघाती हमलावरों ने मास्को की मेट्रो ट्रेन पर बम धमाके किए थे जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई थी।

इसी तरह 2004 में यहां जब कुछ इस्लामिक कट्टर पंथियों ने एक स्कूल के छात्रों को बंधक बना लिया था तो घटना में आतंकियों समेत 330 लोग मारे गए थे जिनमें आधे से ज्यादा बच्चे थे।

2002 में आतंकियों ने एक थिएटर में घुसकर लोगों को बंधक बना लिया था जिसमें पुलिस कार्रवाई होने पर 120 लोगों की मौत हुई थी।

ये आतंकी घटनाएं रूस में तब सामने आई थीं जब बतौर प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन ने 1999 में मुस्लिम इलाके चेचन्या की अलगाववादी सरकार को कुचलने का अभियान चलाया था।

इसके बाद राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक विद्रोहियों के खिलाफ सख्ती बनाए हुए हैं।

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