रेल हादसे के बाद सामने आईं ये लापरवाहियां, नदी में गिरीं दो बोगियां

कानपुर के पास रूरा में बुधवार तड़के हुए दूसरे बड़े रेल हादसे के बाद रेलवे की तमाम खामियां सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी लापरवाही तो ये है कि पुखरायां रेल हादसे से कोई सबक क्यों नहीं लिया गया? एक ओर भारत को डिजिटल बनाने की कवायद चल रही है तो दूसरे ओर ऐसे रेल हादसों से निपटने के लिए कोई सटीक इंतजाम क्यों नहीं किए जा रहे। एक दिन पहले ही पुखरायां के पास ही इदौर-पटना एक्सप्रेस एक बार फिर हादसे का शिकार होते-होते बची थी। पटरी टूटी होने की बात सामने आई थी। बुधवार को हुए रेल हादसे में अजमेर सियालदह एक्सप्रेस की दो बोगियां नहर में गिर गई।

कानपुर में दूसरे बड़े रेल हादसे के एक घंटे बाद भी कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। यही नहीं इलाकाई लोगों की मदद से घायल यात्रियों को बोगियों से बाहर निकाला जा रहा था। इससे एक बात तो साफ हो गई कि रेलवे विभाग हादसों को लेकर अलर्ट नहीं है।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन जहां लगभग हर गाड़ी रुकती है। इसके बावजूद यहां का रेलवे प्रशासन आराम से काम करता है। पुखरायां रेल हादसे के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि अब ये रूरा के पास दूसरा बड़ा रेल हादसा हो गया। पटरियों की जांच में घोर लापरवाही सामने आ रही है।

कानपुर के रूरा में दूसरे बड़े रेल हादसे के बाद एक यात्री ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्विटर पर कानपुर देहात में बड़े ट्रेन हादसे के बारे में ट्विट किया। ट्विट पर अदिति नाम की लड़की ने कहा कि कानपुर देहात के पास बड़ा रेल हादसा हुआ लेकिन कोई अधिकारिक पुष्टि अभी तक क्यों नहीं की गई। दो घंटे बीत चुके हैं लेकिन कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं जारी किया गया। 

कानपुर में पिछली रेल दुर्घटना और इस दुर्घटना का कारण पहली नजर में तो एक जैसा ही लग रहा है। सवाल ये उठता है कि रेलवे प्रशासन सतर्क क्यों नहीं है। कब तक जर्जर पटरियों में ट्रेनें दौड़ाई जाएंगी। आखिर इन पुरानी पटरियों को बदला क्यों नहीं जा रहा?

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