लंदन के मेयर ने भारतीय छात्रों के लिए नई वीजा नीति की निंदा की

लंदन। लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा है कि भारतीय छात्रों के लिए कड़ी की गई ब्रिटिश आव्रजन नीति का विरोध वह जारी रखेंगे। हाल में संशोधित ब्रिटिश आव्रजन नीति में भारतीय छात्रों को आसानी से वीजा देने वालों की सूची से बाहर कर दिया गया है। सादिक खान ने इसे आक्रामक और गैरजरूरी प्रयास करार दिया है। लंदन के मेयर यूके-इंडिया अवार्ड्‌स फंक्शन से इतर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।


भारतीय वीजाधारकों को लेकर ब्रिटिश सरकार की चिंता को खारिज करते हुए सादिक खान ने कहा कि अतीत की घटनाओं के साक्ष्य किसी तरह की चिंता पैदा करने वाले नहीं हैं। अवैध आव्रजन के दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे भारतीय छात्रों को माहौल खराब करने का दोषी कहा जाए। हमें नीति बदलने के लिए वास्तविक और ठोस साक्ष्यों की जरूरत होती है लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं है।


मेयर ने कहा, भारतीय छात्रों का ब्रिटेन में रुक जाना समस्या नहीं है। साक्ष्य और अनुभव बताते हैं कि पढ़ाई करने के लिए आने वाले ये छात्र सकारात्मक आचरण वाले होते हैं। ये यहां पर चीफ एक्जक्यूटिव बनते हैं या फिर निवेशक। दोनों ही स्थितियों में ये ब्रिटेन का भला करते हैं।


लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता सादिक खान ने कहा, टेरीजा मे के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव पार्टी की सरकार आव्रजन को फायदेमंद बनाने के प्रयास में विफल रही है। ऐसा लगता है कि सरकार का ध्यान ब्रिटेन में भारतीयों के निवेश की ओर नहीं है। अगर सरकार ने सोच नहीं बदली तो ये प्रतिभाशाली लोग किसी अन्य देश का रास्ता पकड़ लेंगे।


मूल रूप से लखनऊ के रहने वाला है सादिक का परिवार-


सादिक खान का परिवार मूल रूप से लखनऊ का रहने वाला है। उनके बाबा बंटवारे के समय भारत से पाकिस्तान चले गए थे। वहां से सादिक के पिता ब्रिटेन चले गए और वहीं बस गए। सन 1970 में सादिक का जन्म टूटिंग शहर में हुआ। बाद में वह उसी शहर से 11 साल तक सांसद रहे।


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