वायुसेना को मिलेगी अपनी ‘आसमानी आंख’

एरो इंडिया शो 2017: वायुसेना में शामिल होगा AEW&C सिस्टम से लैस विमान

नई दिल्ली
भारत की आसमानी सीमा के अंदर अगर दुश्मन के लड़ाकू विमान, मिसाइल और ड्रोन घुसने की कोशिश करेंगे तो भारत अपनी 'आंख' से उसकी मौजूदगी भांप लेगा। इस काम में उसकी मदद करेंगे एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) सिस्टम वाले विमान। इस सिस्टम से लैस विमानों को प्रतिष्ठित एरो इंडिया शो के दौरान वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। इसमें कई ऐसे उपकरण लगाए गए हैं, जो देश में ही विकसित किए गए हैं।

एरो इंडिया शो 14 से 18 फरवरी के बीच बेंगलुरु में होगा। डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने AEW&C सिस्टम वाले विमान को 14 फरवरी को वायुसेना में शामिल होने के लिए भेजे जाने की पुष्टि की है। एनबीटी ने पहले को ही इस बारे में जानकारी दे दी थी। रिपब्लिक डे परेड के दौरान पहली बार इस सिस्टम से युक्त विमान को पब्लिक के बीच लाया गया था।

अपना AEW&C सिस्टम हासिल करते ही भारत इस मामले में टॉप पांच देशों में शामिल हो जाएगा। भारत ने इस सिस्टम के लिए 2008 में ही ब्राजील से विमान खरीदे थे। कुछ कारणों से 2200 करोड़ रुपये का यह प्रॉजेक्ट लेट होता चला गया।

दुश्मन के विमान पर नजर रखने के लिए AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) नाम के एक और प्रोग्राम पर काम चल रहा है। AEW&C सिस्टम में 240 डिग्री कवरेज वाला रेडार है, जबकि AWACS से 400 किलोमीटर तक 360 डिग्री कवरेज हासिल हो सकेगी। करीब 5100 करोड़ रुपये के इस प्रॉजेक्ट के तहत आठ विमानों को शामिल करने की योजना है। सूत्रों का कहना है कि यह सिस्टम 2024 तक ही उपलब्ध हो पाएगा।

फिलहाल इस काम के लिए भारत के पास फाल्कन सिस्टम है, जिसमें रूसी विमान पर इस्रायली रेडार लगे हैं। यह 400 किलोमीटर तक 360 डिग्री कवरेज देने में सक्षम है। इस मामले में भारत फिलहाल चीन और पाकिस्तान से काफी पीछे माना जाता है। चीन के पास 20 से ज्यादा सिस्टम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास आठ सिस्टम बताए जाते हैं। चीन का सिस्टम 470 किलोमीटर की दूरी तक 60 से ज्यादा विमानों को ट्रैक कर सकता है। पाकिस्तान के पास चार स्वीडिश और चार चीनी विमान हैं।

Leave a Reply