अस्पतालों में इलाज करवाना हो सकता है महंगा!

नई दिल्लीः जी.एस.टी. लागू होने के बाद निजी अस्पतालों में इलाज कराना और रेल से माल ढुलाई महंगा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक जी.एस.टी. सफलतापूर्वक लागू होने के बाद 50 से ज़्यादा नई सेवाओं को टैक्स के दायरे में लाने पर सरकार विचार कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक 55 सेवाओं की पहचान की गई है जिन पर टैक्स की गुंजाइश है। अभी ये 55 सेवाएं सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर।

निजी अस्पताल GST के दायरे में
सूत्रों के मुताबिक निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर जी.एस.टी. लग सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक जी.एस.टी. के बाद डॉक्टर की फीस, लैब में जांच कराने, फिजियोथिरेपिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ पर भी टैक्स लग सकता है। यहां तक की एंबुलेंस सेवा लेने पर भी सर्विस टैक्स लगेगा। हालांकि सरकारी अस्पताल जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रहेंगे।

ये सेवाएं भी आ सकती है GST के दायरे में
मैडीकल के अलावा और कई सेवाएं जी.एस.टी. के बाद महंगी हो सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक सेबी और आईआरडीए की ओर दी जाने वाली सेवाएं भी जी.एस.टी. के दायरे में आ सकती है। रेल के जरिए माल ढुलाई पर जी.एस.टी. लग सकता है, फलों, सब्जियों की पैकेजिंग पर जी.एस.टी. लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक भारत से बाहर टूर ऑपरेटर की सेवाओं, कचरा प्रबंधन, शिक्षा से जुड़ी सेवाएं, स्कूल में मिड डे मील और डांस, संगीत जैसी ट्रेनिंग की सेवाओं पर भी जी.एस.टी. लगाने का प्रस्ताव है।

सूत्रों के मुताबिक 1 जुलाई यानी जी.एस.टी. लागू होने के तुरंत बाद इस पर अमल नहीं होगा। फ़िलहाल शुरू में सरकार कोई नए आइटम पर टैक्स नहीं लगाना चाहती है और ना ही टैक्स बढ़ाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक जी.एस.टी. लागू होने के बाद इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। प्रस्ताव पर अंतिम फ़ैसला जी.एस.टी. काऊंसिल लेगी। इन नई सेवाओं पर सबसे कम दर पर जी.एस.टी. लगाने पर विचार किया जा सकता है। जी.एस.टी. का मूल मक़सद धीरे-धीरे टैक्स छूट ख़त्म करना है।

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