कुलभूषण जाधव मुद्दे पर आर-पार के मूड में भारत, पाकिस्तान के साथ हर स्तर की वार्ता रोकी

कुलभूषण जाधव की सजा के खिलाफ भारत के तेवर पाकिस्तान पर सख्त हो रहे हैं। शुक्रवार को भारत ने कड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ सभी तरह की द्विपक्षीय बातचीत पर रोक लगा दी है। समुद्री सुरक्षा को लेकर 17 अप्रैल को दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए प्रस्तावित था लेकिन अब भारत ने बातचीत न करने का फैसला किया है। भारत ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को अवगत कराया है कि वह रविवार को आने वाले पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करने के लिए तैयार नहीं है।
 
टाइम्स ऑफ इंडिया ने पाक उच्चायोग के प्रवक्ता ख्वाजा माज तारिक के हवाले से कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने विदेश मामलों के मंत्रालय को बताया है कि दिल्ली में होने वाली MSA-ICG मीटिंग को टाल दिया गया है। इससे पहले दोनों देशों के बीच सिंध जल संधि पर होने वाली बातचीत भी रोक दी गई थी।
 
वहीं जाधव की सजा के खिलाफ भारत अपील करेगा। पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावले ने शुक्रवार को पाक विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात कर इस बात की जानकारी दी। साथ ही पाक से जाधव के खिलाफ सैन्य अदालत की चार्जशीट और फांसी के फैसले की सत्यापित कॉपी की मांग की गई है। बंबावले और जांजुआ के बीच मुलाकात में जाधव से मिलने के बीच मुलाकात में जाधव से मिलने के लिए एक बार फिर इजाजत मांगी गई। यह 14वीं बार है जब भारत ने जाधव से मुलाकात की इजाजत मांगी है, लेकिन पाकिस्तान फिलहाल अपने अड़ियल रुख पर कायम है।
 
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कुलभूषण जाधव के दो पासपोर्ट रखने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि जाधव के पास 2 अलग-अलग नाम वाले पासपोर्ट थे, जिसमें एक हिंदू नाम और दूसरा मुस्लिम नाम पर था ऐसे में कोई निर्दोष व्यक्ति दो पासपोर्ट क्यों रखेगा। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ ‌सिंह ने एक बार ‌फिर दोहराया है कि भारत जाधव को न्याय दिलाने और उसे रिहा कराने के लिए किसी भी हद तक जाएगा।

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