खराब मौसम और ओलावृष्टि के चलते सेब के बागवानों को 10 करोड़ रुपए का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिला और अन्य इलाकों में बार-बार बदल रहे मौसम से बागवानों की नीदें उड़ गई हैं. कुल्लू जिला में इस बार सेब का उत्पादन कम रहने का अनुमान जताया जा रहा है. कुल्लू में ओलावृष्टि से 10 करोड़ रुपए तक बागवानों के नुकसान होने का अनुमान है.

सैंज, बंजार और ऊझी घाटी में सर्वाधिक नुकसान
कुल्लू जिला में दो दिन पहले खूब ओलावृष्टि हुई जिसने सेब की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया. कुल्लू जिला की सैंज, बंजार और ऊझी घाटी समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई थी.

इस ओलावृष्टि के कारण जिला कुल्लू के विभिन्न क्षेत्रों के बागवानों की 7 से 10 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. उद्यान विभाग के अमर प्रकाश कपूर का मानना है कि अभी सेब की बागवानी करने वालों का नुकसान का आंकड़ा और बढ़ सकता है.

40 फीसदी सेब तबाह
जिला कुल्लू में इस बार अभी तक 30 से 40 फीसदी फसल तबाह हो गई. कुल्लू जिला के बागवान राजीव कामटा ने बताया कि दो दिन पहले हुई भारी ओलावृष्टि ने तो बागवानों की कमर ही तोड़ दी है. वहीं, दूसरे बागवान सचिन बागवान का कहना है कि ओले का साइज अखरोट के आकार का था और उसने हिमाचल के अलग-अलग क्षेत्रों में सेब की फसल को पूरी तरह से तबाह कर दिया है.

उन्होंने बताया कि अधिकतर क्षेत्रों में ओलावृष्टि से सेब का फल दागदार हो गया और कई जगहों पर फल पूरी तरह से फट गया है. जाहिर है कि मंडी में इन्हें कोई नहीं पूछेगा.

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