चायवाला कैसे बन बैठा 1700 करोड़ का मालिक, खोल रखे थे 250 बैंक खाते

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सामने आए काले धन के कुबेरों में सबसे हैरान करने वाली कहानी इस शख्स की है जिसका नाम है किशोर भजियावाला। इसने चाय बेचने से अपनी ज़िंदगी का सफर शुरू किया और देखते-देखते 1700 करोड़ के काले धन का कुबेर बन गया।

ये हैरान करने वाली कहानी है गुजरात के मशहूर शहर सूरत की। भजियावाला के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापे की शुरुआत 12 दिसंबर को हुई। जो 8 दिन बाद 19 दिसंबर को खत्म हुई।

किशोर भजियावाला ने अपनी जिंदगी का पहला दांव ऐसी ही एक चाय की दुकान खोलकर खेला था। ये उस वक्त की बात है जब एक कप चाय की कीमत 50 पैसे हुआ करती थी। बेचता वो भले ही चाय था, लेकिन रोटी कपड़ा और मकान के बजाए वो मर्सडीज और बीएमडब्लू और महंगी गाड़ियों के ख्वाब देखता था।

इसके लिए उसने हर वो हथकंडा अपनाया जिससे वो अपना ख़जाना भर सकता था। आयकर विभाग के छापे में किशोर भजियावाला के पास से 250 बैंक खाते मिले। सभी खाते अलग-अलग नाम पर थे। नोटबंदी के बाद हर खाते में 2.50 लाख जमा हुए। इसके अलावा आयकर विभाग को भजियावाला के ठिकानों से 300 से ज्यादा प्रॉपर्टी के दस्तावेज़ मिले हैं जिसकी कीमत 1000 करोड़ के आसपास मानी जा रही है। जमीनों को ख़रीदने में भी हेराफेरी करता था। सरकारी दस्तावेजों में बेहद कम दाम दिखाकर ये करोड़ों की जमीन अपने या फिर अपने परिवार के किसी शख्स के नाम करवा लेता था।

आयकर विभाग के मुताबिक उसने अहमदाबाद, नवसारी, सूरत और मुंबई में काफी पैसा निवेश किया है। सूद की काली कमाई से किशोर भजियावाला हर वो धंधे करता था जिससे उसका खज़ाना भरता चला जाए। इसके लिए वो अपनी काली कमाई से सोना-चांदी खरीदता था, शेयर बाज़ार में लगाता था, ज़मीनें खरीदता था और महंगी गाड़ियां रखता था। आयकर विभाग अब किशोर भजियावाला के शेयर बाजार में निवेश की जांच भी कर रहा है। साथ ही एक ही शख्स के 250 बैंक अकाउंट खोलकर उन्हें चलाने की बात सामने आने पर कई शक की सुई कुछ बैंक अफसरों की ओर भी घूम रही है।

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