चीन को करारा जवाब, ‘गिफ्ट में नहीं चाहिए NSG मेंबरशिप’

नई दिल्ली
भारत ने चीन के उस तंज का जवाब दिया है जिसमें पड़ोसी देश ने कहा था कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता किसी को गिफ्ट के रूप में नहीं दिया जा सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा कि भारत एनएसजी सदस्यता गिफ्ट के तौर पर नहीं चाहता, बल्कि इसके लिए हमारी दावेदारी हमारे परमाणु-अप्रसार के शानदार रेकॉर्ड पर आधारित है।

स्वरूप का यह जवाब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा जाते-जाते किसी को 'विदाई गिफ्ट' के तौर पर एनएसजी सदस्यता नहीं दे सकते। चीन की तरफ से यह बयान ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान के बाद आया जिसमें अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि एनएसजी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी की राह में चीन 'रोड़ा' है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान के बावजूद भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने मंगलवार को विश्वास जताया था कि डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन चीन द्वारा खड़ा की जा रही बाधाओं से पार पा जाएगा और भारत को इस प्रतिष्ठित ग्रुप का सदस्य बनाने में सहयोग करेगा। वर्मा ने कहा, 'चीजें काफी जटिल हैं, इसमें समय लग रहा है और इसमें कई पक्ष शामिल हैं। हमें चीन समेत उन देशों के साथ बातचीत जारी रखनी पड़ेगी जिन्हें कुछ आपत्तियां हैं। लेकिन, मुझे विश्वास है कि आखिर में हम कामयाब होंगे।'

दरअसल चीन नहीं चाहता कि भारत एनएसजी का सदस्य बने। एनएसजी के ज्यादातर सदस्यों के समर्थन के बावजूद चीन भारत की दावेदारी को इस आधार पर लटका चुका है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर दस्तखत नहीं किया है। इसके अलावा चीन एनएसजी सदस्यता के लिए पाकिस्तान का खुलकर समर्थन कर रहा है। पाकिस्तान ने भी एनएसजी सदस्यता के लिए आवेदन कर रखा है और उसने भी एनपीटी पर दस्तखत नहीं किया है।

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