जर्मनी: जांच में भारतीय मूल की महिला से कहा, कपड़े उतारो

जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर भारतीय मूल की महिला से नस्लीय भेदभाव, कपड़े उतारने को कहा गया

भारतीय मूल की एक महिला ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर खुद के साथ नस्लीय भेदभाव होने का आरोप लगाया है। आइसलैंड में रहने वाली श्रुति बसप्पा ने वहीं के एक नागरिक से शादी की है। पिछले हफ्ते वह बेंगलुरु से आइसलैंड की यात्रा पर थी। बसप्पा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि जर्मनी के फ्रैंकपर्ट एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारियों ने उसे कपड़े उतारने को कहा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए जर्मनी में भारतीय दूतावास से मामले पर पूरी रिपोर्ट मांगी है।

श्रुति बासप्पा ने फेसबुक पर लिखा कि वह अपने परिवार के साथ भारत से आइसलैंड वाया फ्रैंकफर्ट यात्रा कर रही थी। उन्होंने लिखा है कि फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारी उन्हें एक कमरे में ले गए और कपड़ों को ऊपर उठाने या उतराने को कहा ताकि वे जांच सके कि वह कपड़ों के नीचे छिपाकर कुछ नहीं ले जा रही है। बासप्पा ने लिखा है कि यह सब कुछ उनकी 4 साल की बेटी की आंखों के सामने हुआ।

श्रुति बासप्पा के मुताबिक फुल बॉडी स्कैन के बाद भी उन्हें कपड़े ऊपर उठाने या निकालने को कहा गया। बसप्पा ने कपड़े उतारने से इनकार कर दिया। फेसबुक पोस्ट के मुताबिक जब बासप्पा के पति वहां पहुंचे तब जाकर अधिकारियों ने उसे जाने दिया। बसप्पा के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं है जब सुरक्षा जांच के दौरान उन्हें अलग ले जाया गया। उन्होंने फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटीज के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

बासप्पा ने हवाई यात्रा के दौरान खुद से हुए नस्लीय भेदभाव के बारे में लिखा है कि उन्हें हमेशा रैंडम सिक्यॉरिटी चेक्स का शिकार होना पड़ता है। उनके सामानों की अलग से जांच होती है, उन्हें अलग कमरे में ले जाया जाता है। उन्होंने लिखा कि आज तो उन्हें कपड़े उतारने तक को कह दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह अब नया मानक है?

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