दिल्ली में 8 महीने की बच्ची से दुष्कर्म पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर, दिया अहम आदेश

नई दिल्ली। निर्भया कांड (16 दिसंबर, 2012) को पांच साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर कोई सुधार नहीं आया है। दो दिन पहले महज 8 महीने की बच्ची से दुष्कर्म की वारदात ने दिल्ली वासियों को झकझोर दिया है। वहीं, मासूम से दुष्कर्म का यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि यह बेहद चिंतनीय विषय है। साथ ही आदेश दिया है कि दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी इस मामले में सहयोग करेगी। 


वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो डॉक्टर 8 महीने की बच्ची के स्वास्थ्य को लेकर नजर रखेंगे। इसके बाद ही तय होगा कि बच्ची को एम्स शिफ्ट किया जाए या फिर उसकी बेहतरी को लेकर अन्य कदम उठाए जाएं।


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि संबंधित विभागों-प्राधिकरणों को निर्देश जारी कर कहा जाए वह बच्ची के बेहतर इलाज के लिए उसे बेहतर अस्पताल में शिफ्ट करें। इतना ही नहीं, जनहित याचिका में क्षतिपूर्ति के तौर पर परिजनों को 10 लाख रुपये देने की भी मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह जनहित याचिका स्वीकार भी कर ली है। बता दें कि दुष्कर्म के बाद बेहद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती 8 महीने की बच्ची की 3 घंटे तक सर्जरी हुई। 


वहीं, नेताजी सुभाष प्लेस इलाके में आठ माह की दुष्कर्म पीड़ित बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के कलावती शरण अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई है। फिलहाल वह आइसीयू में भर्ती है। गौरतलब है कि नेताजी सुभाष प्लेस इलाके में हुई इस वारदात में पुलिस ने आरोपी पीड़िता के चचेरे भाई को गिरफ्तार किया है।


दो दिन पहले काम से लौटी मां अपनी 8 महीने की बच्ची की हालत देखकर परेशान हो गई। दरअसल, बच्ची खून से लथपथ थी और दर्द से चिल्ला रही थी। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पता चले कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है।


जानकारी के मुताबिक, बच्ची के पिता मजदूर हैं, जबकि मां घरों में साफ-सफाई का काम करती है। परिजनों के मुताबिक, रविवार को मां बच्ची को रिश्तेदारों के भरोसे छोड़कर ही काम पर चली गई थी। इस बीच रिश्ते में चाचा लगने वाले शख्स ने बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। 


वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद ने फिर कहा है कि दुष्कर्म के दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए। स्वाति ने ने बताया कि 8 महीने की बच्ची की 3 घंटे तक सर्जरी हुई। उसके अंदरूनी हिस्सों में चोटें आईं हैं। बच्ची लाइफ सपॉर्ट पर है। 


नेताजी सुभाष प्लेस इलाके की इस घटना में स्वाति ने बताया कि आरोपी 28 साल का है। साथ ही शादीशुदा है और उसका एक बेटा भी है। उसकी एक बेटी भी थी, जिसकी मौत हो चुकी है।


बच्ची के पैरंट्स की आर्थिक हालत देखते हुए दिल्ली महिला आयोग ने अदालत में अंतरिम मुआवजे के लिए आवेदन किया था, जिस पर स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 75 हजार मुआवजा दिया है। आयोग, परिजनों को 50 हजार रुपये की भी मदद देगा।


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