दिल्ली से मुंबई सिर्फ़ 55 मिनट में, हाइपरलूप के ज़रिए होगा मुमकिन
हाइपर लूप यानी एक ऐसा सिस्टम जिसके ज़रिए आप एक व्हीकल में बैठकर सिर्फ़ 55 मिनट में मुंबई से दिल्ली पहुंच सकते हैं. इसकी रफ़्तार किसी भी कमर्शियल एयरलाइन के मुक़ाबले बेहद तेज़ होगी.
हाइपरलूप वन नाम की अमरीकी कंपनी दुनिया में तेज़ रफ़्तार ट्यूब सिस्टम विकसित करने की कोशिश में है, जिसके ज़रिए सामान और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह बेहद तेज़ी के साथ पहुंचाना मुमकिन हो पाएगा.
हाइपरलूप को लेकर मंगलवार को भारत सरकार की मदद से दिल्ली में एक सम्मेलन हुआ, जिसमें हाइपरलूप वन ग्लोबल चैलेंज के सेमीफ़ाइनल में पहुंची पांच भारतीय कंपनियों ने अपने तेज़ रफ़्तार यातायात रूट सामने रखे, जिन्हें भारत में अपनाया जा सकता है. कुल 90 देशों के ढाई हज़ार से ज़्यादा कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया जिनमें भारतीय कंपनियां सबसे ज़्यादा थीं.
इन भारतीय कंपनियों में एईसीओएम ने बंगलुरु से चेन्नई की 334 किलोमीटर की दूरी 20 मिनट में तय करने का प्रस्ताव रखा. लक्स हाइपरलूप नेटवर्क ने बंगलुरु और तिरुअनंतपुरम के बीच 736 किलोमीटर की दूरी 41 मिनट में, डिंक्लिक्स ग्राउंडवर्क्स ने दिल्ली से मुंबई की 1317 किलोमीटर की दूरी 55 मिनट में, हाइपरलूप इंडिया ने बंगलुरु के रास्ते मुंबई से चेन्नई की 1102 किलोमीटर की दूरी 50 मिनट में तय करने और इन्फ़ी अल्फ़ा ने बंगलुरु से चेन्नई की 334 किलोमीटर की दूरी 20 मिनट में तय करने की योजना पेश की.
हाइपरलूप वन ने पिछले साल मई में एक प्रोपल्शन मोटर का प्रदर्शन किया था और कंपनी इस साल अमरीका के नेवादा में इस ट्रैक को हक़ीक़त में बदलना चाहती है. दिल्ली में हुए सम्मेलन में भारत के रेलमंत्री सुरेश प्रभु, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद थे.