नए रोस्टर से कोविड हॉस्पिटल में काम करने वाली नर्सें नाराज, जताया विरोध

इंदौर. कोरोना संकट (Corona Crisis) के दौरान हॉस्पिटल में लगातार काम कर रही नर्सें प्रबंधन की कार्यप्रणाली से नाराज चल रही हैं. इसका कारण उनका नया रोस्टर है. दरअसल, इन कोरोना योद्धाओं (Corona Warriors) के रोस्टर में बदलाव किया गया है. इस कारण इससे खफा नर्सों ने विरोध जताया है. जानकारी मिली है कि इंदौर के एमटीएच कोविड हॉस्पिटल के अलावा अन्य हॉस्पिटलों में नर्सिंग स्टाफ के फिलहाल ड्यूटी रोस्टर 10-10 दिन का बनाया गया है. उसके बाद इन्हें लगातार दस दिनों तक काम करना पड़ेगा. ड्यूटी समाप्त होने के बाद 14 दिनों के लिए इन्हें क्‍वारंटाइन किया जाएगा. इस निर्णय से नाराज नर्सिंग स्टाफ ने विरोध जताया है.

दरअसल, नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि लगातार 10 दिनों तक पीपीई किट पहनकर 12 घंटे काम करना संभव नहीं है. इस तरह के हालात रहे तो वे बीमार हो जाएंगे. नर्सिंग स्टाफ ने इसमें बदलाव करने की मांग की है. साथ ही कहा है कि रोस्टर में बदलाव कर इसे सात दिनों के लिए लागू किया जाए.

कॉलेज प्रशासन के सामने दर्ज कराई आपत्ति

इस निर्णय से नाराज नर्सेस एसोसिएशन ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि नर्सिंग स्टाफ को ग्रीन जोन के हॉस्पिटल, कोविड हॉस्पिटल में एन-95 मास्क तक नहीं मिल पा रहे हैं.
विरोध का यह भी है कारण

हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ का यह भी आरोप है कि यहां सिर्फ कुछ ही लोगों की ड्यूटी लगाई जा रही है. इस कारण ड्यूटी रिपीट हो रही है. जबकि कई लोगों की ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है. खबर के अनुसार, यहां के इन हॉस्पिटलों में करीब 300 नर्सों की ड्यूटी लगाई जा रही है.

वार्ड ब्‍वॉय को मिलेगी पचास लाख की सहायता राशि

एमटीएच कोविड अस्पताल में ड्यूटी के दौरान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुरेश की मौत हो गई थी. उसके बाद कॉलेज प्रशासन ने मंगलवार को उसे सहायता राशि देने के लिए कोविड कल्याण योद्धा के अंतर्गत प्रस्ताव भेजा है. इसमें कर्मचारी के परिवार को 50 लाख की सहायता राशि मिलेगी. इसके अलावा हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मृतक कर्मी के परिवार को दी है.
 

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