बदमाशों ने मरा समझ कर फेंका लेकिन 24 टांके लगवा कर जिंदगी की जंग जीत गया ‘जांबाज दारोगा’

बिहार में बालू माफियाओं की दबंगई और अवैध उत्खनन जग जाहिर है, लेकिन इन माफियाओं में वर्दी का खौफ नहीं हो तो चिंता होना लाजिमी है. राजधानी पटना में बालू माफियाओं ने ट्रैफिक महकमे के दारोगा पर कहर बरापाया है.

ऐसा कहर कि दारोगा सदानंद राय अपने शरीर पर लगभग दो दर्जन टांके लगवा कर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. घटना बीते 7 मई की है जहां देर रात राजधानी पटना में ही बालू माफियाओं ने दारोगा पर हमला बोला. लाठी-डंडे और स्टील के रॉड से 40 से 50 की संख्या में माफियाओं ने दारोगा को जम कर पीटा और मरा हुआ समझ कर फेंक दिया.

सदानंद राय ने बताया कि वो पिछले कई सालों से ट्रैफिक महकमें में पदस्थापित है.बयान में दारोगा सदानंद राय ने बालू माफियाओं के साथ ही अपनी मरनासन्न हालत के लिये अपने विभाग के लोगों को भी जिम्मेवार ठहराया है.

यानि बालू माफिया और पुलिस के बीच नेक्सस के खेल का खुद पुलिस अधिकारी ने ही खुलासा किया है. भय का आलम यह है कि पीड़ीत दारोगा ने स्वस्थ्य होने के बाद भी सुरक्षा के बगैर काम करने से साफ मना कर दिया है. हैरानी की बात तो यह है कि कई बार इस इलाके में पुलिसकर्मियों की पिटाई हुई है लेकिन पटना पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी कार्रवाई करने की बजाय चुप्पी साधे हैं. मामले को लेकर केस दर्ज तो कर लिया गया है लेकिन आरोपी गिरफ्त से बाहर

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