बेनामी संपत्ति वालों पर गिरेगी गाज, PM मोदी ने दिए संकेत

नई दिल्ली: नोटबंदी के फैसले के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान के तहत बेनामी सम्पत्तियों पर गाज गिरने के संकेत दिए हैं। मोदी ने इस वर्ष की आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में आज बेनामी संपत्ति मालिकों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि देश में 1988 से बेनामी संपत्ति कानून है लेकिन उससे संबंधित आज तक न नियमावली बनी, न ही इसे अधिसूचित किया गया लेकिन उनकी सरकार अब एक ‘धारदार’ बेनामी सम्पत्ति कानून ला रही है।   

पीएम ने लोगों का किया धन्यवाद
मोदी ने कहा, ‘‘मैं लोगों को एक और कारण के लिए भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने न केवल परेशानियां उठाई हैं, बल्कि उन चुनिंदा लोगों को करारा जवाब भी दिया है, जो जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कितनी सारी अफवाहें फैलाई गई। किसी ने अफवाह फैलाई- नोट पर लिखी स्पेलिंग गलत है, किसी ने कह दिया नमक का दाम बढ़ गया है, किसी ने अफवाह फैला दी कि 2000 के नोट भी जाने वाले हैं, 500 और 100 के भी जाने वाले हैं लेकिन मैंने देखा भांति-भांति के अफवाहों के बावजूद देशवासियों के मन को कोई डुला नहीं सका है।’’

क्या है बेनामी संपत्ति?
जैसा नाम से समझ आता है बेनामी का अर्थ ऐसी संपत्ति है जो असली खरीददार के नाम पर नहीं है। टैक्स से बचने और संपत्ति का ब्यौरा न देने के उद्देश्य से लोग अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं खरीदते। जिस व्यक्ति के नाम से यह खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहते हैं और संपत्ति बेनामी कहलाती है। बेनामी संपत्ति चल या अचल दोनों हो सकती है। अधिकतर ऐसे लोग बेनामी संपत्ति खरीदते हैं जिनकी आमदनी का स्रोत संपत्ति से ज्यादा होता है।

क्या हो सकती है सजा?
अधिकतम 7 साल की सजा और प्रॉपर्टी की मार्कीट वैल्यू के 25 प्रतिशत तक जुर्माना। जानबूझकर गलत जानकारी देने पर कम से कम छह महीने की सजा। अधिकतम 5 साल की सजा और संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तक का जुर्माना।

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