भारत पर हमले की तैयारी में थे आतंकी, इसलिए की सर्जिकल स्ट्राइक: सरकार

नई दिल्लीः केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि PoK में अातंकी भारत में हमले के लिए तैयार बैठे थे, इस बात के पुख्ता सबूत मिलने के बाद भारतीय सेना ने LoC पार सर्जिकल स्ट्राइक की। उन्होंने कहा कि भारत के पास इन हमलों के बारे में स्पेसिफिक इंटेलिजेंस इनपुट था। इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक को बखूबी अंजाम दिया गया। इस ऑप्रेशन में सभी दुश्मनाें काे खत्म कर दिया गया और हमारे जवानों को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा। बता दें कि 18 सितंबर 2016 को हुए उरी अटैक के 10 दिन बाद 28 और 29 सितंबर की दरमियानी रात भारतीय सेना ने LoC पार सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें 40 से ज्यादा अातंकवादियाें काे मार गिराया गया था। 

449 बार सीजफायर वॉयलेशन
सुभाष भामरे ने कहा, हम हमेशा ही अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। लेकिन, पिछले कई सालों से हमें जबरन क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म, प्रॉक्सी वार में घसीटा गया।भारतीय सेना दुनिया की शानदार सेनाओं में से एक है। हमारी सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी सेना ने क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का सामना किया। सरकार ने संसद में यह भी बताया कि पिछले साल सेना पर 15 हमले किए गए। इस दौरान 68 जवान शहीद हुए। इस दौरान रिकॉर्ड 449 बार संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ। 27 बार घुसपैठ की कोशिश की गई और 37 अातंकी मारे गए। 2017 में 30 बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ, जबकि 6 बार घुसपैठ की कोशिश की गई।

सियाचिन गंभीर मसला
भारत ने संसद में यह भी साफ कर दिया कि सियाचिन मुद्दा सबसे बड़ी समस्या है और इसमें पाकिस्तान अातंकवादियाें को पूरा समर्थन कर रहा है। सुभाष भामरे ने कहा, इस मसले को सुलझाने के लिए दोनों देशों के डिफेंस सेक्रेटरीज के बीच 13 बार बातचीत हो चुकी है। भारत ने यहां हर खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त फोर्स तैनात कर रखी है। निगरानी के लिए मॉडर्न टैक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। 

हर चुनौती से निपटने काे तैयार
भामरे ने कहा कि भारत की रक्षा तैयारियों में कोई कमी नहीं है और मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सीमापार आतंकवाद, अलगाववाद समेत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन एवं निर्माण को भी प्राथमिकता दी जा रही है। हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के अनुरूप हमारी रक्षा खरीद नीति भी बनाई गई है। इसका उदाहरण है कि स्वदेशी वेंडरों को 90 रक्षा अनुबंध प्रदान किए गए हैं जो करीब 80 हजार करोड़ रुपए के हैं। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने रक्षा मंत्रालय की अनुदान की मांगों को मंजूरी दे दी।

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