महिलाओं के लिए बनाए गए रिवॉल्वर के ज्यादातर खरीदार पुरुष

मुंबई
रिवॉल्वर से गोली चलने के बाद सख्त लकड़ी के बने बट ने 11 साल की ज्ञानेश्वरी सिंह के नाजुक कंधों को झकझोर दिया। गुजरात के बिल्खा राज परिवार के युवराज महेंद्र सिंह अपने महल में बनी फायरिंग रेंज में अपनी बेटी को शूटिंग सिखा रहे थे। 26 साल पहले की इस प्रैक्टिस को याद करते हुए ज्ञानेश्वरी कहती हैं, 'रोमांच, डर…हे भगवान! मुझे इस तरह के झटके का अनुमान नहीं था।'

उन्होंने बताया, 'आप जब यह सीखते हैं कि गोली कैसे चलानी है, तो आपको अच्छा लगता है…यह आजादी का अहसास जैसा है, शायद कार चलाना सीखने जैसा। बंदूक आपको ताकतवर होने का अहसास कराती है।' उनके आर्म्स कलेक्शन में 12 बोर की राइफल और दो पिस्टल शामिल हैं। उनका कहना है कि लड़कियों को बंदूक के इस्तेमाल के बारे में सिखाया जाना चाहिए। यह कराटे और बाकी मार्शल आर्ट की तरह यह आत्मरक्षा का बड़ा हथियार है।

इसी वजह से इंडियन ऑर्डनैंस फैक्ट्री (आईओेएफ) ने 'निर्भया' हादसे के तकरीबन 2 साल बाद 2014 में 'निर्भीक' नामक 0.32 कैलिबर का रिवॉल्वर लॉन्च किया, जिसे भारत का पहला 'महिलाओं से जुड़ा हथियार' माना जाता है। इसकी वजह महज 500 ग्राम है और यह महिलाओं के हैंडबैग में आसानी से आ सकता है।

इसे पेश किए जाने के बाद से आईओएफ अब तक 3,000 निर्भीक रिवॉल्वर की बिक्री कर चुका है। इसकी कीमत 1.35 लाख रुपये है। सीधे-सीधे तौर पर बिक्री का यह आंकड़ा छोटा नजर आता है, लेकिन भारत में सीमित संख्या में गन लाइसेंस जारी किए जाने के मद्देनजर इस तरह के किसी भी रिवॉल्वर की बिक्री 1,000 यूनिट के पार हो जाती है, तो इसे ब्लॉकबस्टर माना जा सकता है।

कौन हैं खरीदार?
दिलचस्प यह है कि सजावटी वेल्वेट बॉक्स में आने वाले इस रिवॉल्वर को पुरुष खरीद रहे हैं। अगर इसकी बिक्री करने वाले डीलर्स के आंकड़ों की बात करें, तो अब तक महज 100 से कुछ ज्यादा निर्भीक रिवॉल्वर महिला गन लाइसेंस होल्डर्स को बेचे गए हैं। दिल्ली के एक आईओएफ गन डीलर ने बताया, 'इसकी वजह कम संख्या में महिलाओं का गन लाइसेंस होल्डर होना हो सकता है।'

पुणे के वेपन रिटेलर गनमार्क आर्मरी के मालिक प्रसाद कुलकर्णी ने बताया, 'निर्भीक के मालिकाना हक में महिलाओं का आंकड़ा सिर्फ 3-5 फीसदी होगा। राज्य पुलिस डिपार्टमेंट अब गन लाइसेंस नहीं जारी कर रहा…अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले राज्यों में ही नए लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं और वह भी जांच-पड़ताल की सख्य प्रक्रिया के बाद।'

डील सस्ती नहीं
तीन साल पुराने स्थानीय स्तर पर बने इस रिवॉल्वर को महंगा माना जाता है। इसे लॉन्च करने के वक्त इसकी कीमत 1.22 लाख रुपये थी और बाद में इसकी कीमत में बढ़ोतरी हुई। अहमदाबाद के स्मिट गुनहाउस के मालिक मिलन सोनी ने बताया, 'निर्भीक अपनी कैटिगरी में महंगी बंदूक है…एक सामान्य शख्स शायद इसके लिए इतनी ज्यादा रकम खर्च करना नहीं चाहे।'

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