ये हैं फ्री गवर्नमेंट ऐप्स, जो आसान बना देंगी आपकी ज़िंदगी

एंड्रॉयड यूजर्स के लिए कई ऐसी ऐप्स मौजूद हैं, जो उनकी रोजमर्रा की लाइफ काफी आसान बना सकती हैं, यूटिलिटी बेस्ड इन ऐप्स से आरटीआई फाइलिंग से लेकर पासपोर्ट एप्लीकेशन ट्रैकिंग भी की जा सकती है. ये सभी एप्लीकेशन्स गवर्नमेंट द्वारा लॉन्च की गई हैं.

यहां पढ़िए इन ऐप्स के बारे में…

ऑनलाइन आरटीआई – अगर आप 'राइट टू इन्फॉर्मेशन' फाइल करने की जटिल प्रक्रिया से बचना चाहते हैं तो यह ऐप आपके काम की हो सकती है. इसके जरिए आप आसानी से आरटीआई एप्लीकेशन ऑनलाइन ही फाइल कर सकते है. नियम के हिसाब से 1 महीने में आपके पास जवाब भी आ जाएगा. ऐप के फोरम पर यूजर्स आरटीआई से जुड़े सवाल भी पूछ सकते हैं.

माय गवर्नमेंट – इस ऐप की मदद से देश का कोई भी नागरिक सरकार की योजनाओ में सीधा हिस्सा ले सकता है. ऐप के जरिए यूजर्स अपने सुझाव सीधे सेंट्रल मिनिस्ट्री से जुड़े संगठनों तक पहुंचा सकते हैं.

इनक्रेडिबल इंडिया – टूरिस्ट बेस्ड ये ऐप भारत आने वालों के लिए मददगार है. इसकी मदद से घूमने और रुकने की जगह की डिटेल के साथ-साथ ट्रैवल एजेंट का नंबर और होटल का एड्रेस भी आपको आसानी से मिल जाएगा.

गर्व ग्रामीण विद्दुतीकरण – इस ऐप के जरिए आप ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचने का स्टेटस चेक कर सकते हैं. इसे रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने लॉन्च किया है. इसके डैशबोर्ड पर बिजली रहित गावों की संख्या और बिजली से जुड़ने वाले गांवों को ट्रैक कर सकते हैं.

एम पासपोर्ट सेवा – इस ऐप की मदद से यूजर्स अपने नज़दीकी पासपोर्ट ऑफिस की लोकेशन पता लगा सकते है. साथ ही उन्हें अपने फ्रेश पासपोर्ट का स्टेटस भी पता लगा जाएगा. फिलहाल इस ऐप से पासपोर्ट एप्लाई नहीं कर सकते. ऐप को अभी तक 50 लाख यूज़र ने डाउनलोड किया हुआ है.

खोया-पाया ऐप- यह ऐप उन खोये हुए बच्चो की इनफार्मेशन देती है, जिनका रिकॉर्ड पुलिस डाटा में मौजूद है. कोई भी यूजर इस ऐप के जरिए गुमशुदा बच्चों की जानकारी भी दे सकता है.

वोटर लिस्ट ऐप – इसकी मदद से आप पोलिंग बूथ जाने की परेशानी से बच सकते हैं. ऐप से वोटर अपनी पूरी डिटेल देख सकते हैं, जो 100% ऑथेंटिक और वेरीफाइड होगा.

स्वच्छ भारत – अगर आप आसपास फैले कचरे से परेशान है, तो स्वच्छ भारत ऐप की मदद ले सकते हैं. आप अपने मोहल्ले या घर के नजदीक फैले कचरे की तस्वीर लेकर संबंधित विभाग से इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसपर अपलोड जानकारी ऐप के जरिए म्युनिसिपल अथॉरिटी के पास पहुंचती है.

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