रक्षा मंत्रालय का फैसला: एकल विक्रेता से भी रक्षा खरीद की इजाजत

रक्षा तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं। हाल के दिनों में कई बड़ी रक्षा खरीदों को मंजूरी दी गई है। इसी कड़ी में एक अहम फैसला एकल विक्रेता से खरीद को लेकर लिया गया है। मंत्रालय ने जरूरी रक्षा सामग्री की खरीद एकल विक्रेता से करने को हरी झंडी दे दी है। ऐसे मामले में पूर्व में अधिकतम पांच करोड़ तक की सीमा निर्धारित की गई थी जिसे अब हटा दिया गया है। 


रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पिछले महीने यह आदेश जारी किया गया है। दरअसल, सेनाओं को कई अहम रक्षा सामग्री, गोला बारूद, उपकरणों आदि की तत्काल जरूरत होती है। इसे तत्काल खरीदने के लिए रक्षा बलों का अधिकार दिए गए हैं जिन्हें अंतिम मंजूरी रक्षा मंत्रालय के मुख्य वित्तीय सलाहकार द्वारा प्रदान कर दी जाती है। ऐसे मामलों को मंत्री या कैबिनेट के पास भेजने की जरूरत नहीं होती है। खरीद प्रक्रिया को तेज करने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। 

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अब तक जिस मामले में सिर्फ एक विक्रेता ने टेंडर भरा हो, उनमें सिर्फ पांच करोड़ तक की खरीद की शक्तियां अधिकारियों को थी। इसी प्रकार कुछ उत्पाद ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ एक ही कंपनी बनाती है। ऐसे उत्पादों की खरीद के मामले में आपात स्थिति में अधिकतम पचास करोड़ रुपये तक की खरीद ही अधिकारियों के स्तर पर हो सकती थी। लेकिन इस सीमा को भी हटा दिया गया है। इन फैसलों से रक्षा खरीद में तेजी आएगी। 


पूर्व में रक्षा मंत्रालय की तरफ से ऐसे संकेत दिए जा चुके हैं कि बड़े रक्षा सौदों में भी एकल विक्रेता को तरजीह दी जा सकती है। जबकि पूर्व में प्रचलित नीति के तहत जब एक ही टेंडर आता है तो उस सौदे को रद्द कर दिया जाता है। इसके चलते पूर्व में कई रक्षा सौदे लंबित हुए थे। बहरहाल, अभी निचले स्तर पर और जरूरी खरीद में इसे लागू किया गया है। 


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