रेप पीड़िता के पेट से ऑपरेशन के बाद निकला बेलन

जजफार्म में कमरे के बाहर सो रही नेपाली महिला से दरिंदगी का मामला शुक्रवार को घटना के पांच दिन बाद सामने आया था। दरिंदे ने महिला के रेक्टम में बेलन डाल दिया था जिसे ऑपरेशन से निकाला गया। लापरवाही की हद यह थी इसका खुलासा पांचवें दिन हुआ और न तो अस्पताल वालों ने और न ही महिला के पति पुलिस को इस संबंध में कोई सूचना दी।
 
छह दिन पहले महिला के साथ हुई दरिंदगी के मामले में अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि पति या कोई एनजीओ रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। हालांकि पुलिस ने पति को भी शक के दायरे में लिया है और एसटीएच में शुक्रवार की रात पीड़िता का बयान लिया।  

इस बीच सीओ लोकजीत सिंह के निर्देश पर कोतवाल आरएस मेहता महिला पुलिस के साथ पीड़िता का बयान लेने शुक्रवार की रात एसटीएच के सर्जरी वार्ड में पहुंचे। महिला पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया। पीड़िता ने बताया कि अंधेरा होने के कारण वह अपने साथ दरिंदगी करने वाले को नहीं पहचान पाई। 

कोतवाल ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद इस मामले में पति की भूमिका संदिग्ध बताई है। उनका कहना है कि पीड़िता का पति भी जांच के दायरे में है। पुलिस का कहना है कि पति और पत्नी के सोने के स्थान का फासला बहुत कम था। जब महिला के साथ दरिंदगी हुई तो पति ने महिला के चीखने की आवाज क्यों नहीं सुनी। पुलिस ने बताया कि पति की महिला से दूसरी शादी है।

तत्काल पुलिस को क्यों नहीं दी सूचना : लोहनी

महिला दरिंदगी की घटना की जानकारी मिलने पर महिला आयोग की उपाध्यक्ष अमिता लोहनी एसटीएच पहुंची। उन्होंने पीड़िता का बयान लिया। लोहनी ने अस्पताल के एमएस एके पांडेय से सवाल किया कि आपरेशन में महिला के पेट से बेलन निकलने के बाद पुलिस को तत्काल सूचना क्यों नहीं दी गई। 

एमएस महिला आयोग की उपाध्यक्ष लोहनी के सवाल का जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने डॉक्टरों से यह भी पूछा कि अभी तक महिला को बेलन क्यों नहीं दिखाया गया। आयोग की उपाध्यक्ष ने एमएस से पीड़िता का इलाज सही से करने के निर्देश दिए।  कहा कि वह पांच दिन बाद फिर से पीड़िता की हालत जानने के लिए आएंगी। इस मामले में उन्होंने एसएसपी से भी रिपोर्ट मांगी है। 

पति -पत्नी के बीच होता था झगड़ा 
पीड़ित महिला की पड़ोसी ने बताया कि पति और पत्नी के बीच रोज झगड़ा होता था। पति पुताई का काम करता है और पत्नी लोगों के घरों में झाड़ू पोछा करती है। घटना के दिन किसी बाहरी व्यक्ति के आने की जानकारी उनको नहीं है। सुबह पेट दर्द की शिकायत पर वह पति के साथ महिला को अस्पताल ले गई थी। 

आयोग का बोर्ड लगवाएं एमएस 
महिला आयोग की उपाध्यक्ष अमिता लोहनी का कहना है कि उन्होंने एसटीएच के एमएस एके पांडे से अस्पताल परिसर में महिला आयोग का बोर्ड लगाने का अनुरोध किया है। बोर्ड पर उनका मोबाइल नंबर अंकित होगा ताकि कोई पीड़ित महिला अपनी फरियाद तत्काल उन्हें कर सके।

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