विवादों से निपटने के लिए ट्रंप बनाएंगे ‘वार रूम’

वाशिंगटन। तमाम कोशिशों के बावजूद ट्रंप सरकार गोपनीय सूचनाओं को सार्वजनिक होने से नहीं रोक पा रही है। इसे देखते हुए व्हाइट हाउस में वार रूम गठित करने की योजना बनाई गई है। रूस और ट्रंप के प्रचार अभियान दल के सदस्यों के बीच साठगांठ के कारण अमेरिकी सरकार विवादों में घिरी है।

व्हाइट हाउस में वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुश्नर और बैनन ने इसकी कमान संभाली है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विदेश यात्रा से वापस आने के बाद सवालों का जवाब देने और गोपनीय सूचनाओं को लीक होने से रोकने के लिए वार रूम गठित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

नई योजना के तहत नए और राजनीतिक रूप से अनुभवी लोगों को नियुक्त किया जाएगा। संवेदनशील सूचनाओं के लगातार लीक होने से ट्रंप पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी रूसी साठगांठ से सरकार में फैली अव्यवस्था से चिंतित है। इस सबके बीच ट्रंप की लोकप्रियता भी लगातार गिरती जा रही है।

ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेताओं को लगता है कि मौजूदा स्थिति में हेल्थकेयर और कर सुधार के अलावा आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने की प्रक्रिया पीछे छूट जाएगी। यही वजह है कि ट्रंप के विदेश से आने के बाद सरकार में अनुभवी राजनीतिज्ञों को स्थान देने की रूपरेखा तैयार की गई है।

सूत्रों ने बताया कि जेम्स कोमी को एफबीआई प्रमुख के पद से हटाने के बाद (9 मई) से गोपनीय सूचनाओं के लीक होने की घटनाएं बढ़ गई हैं। संसदीय समिति ने ट्रंप से मांगे दस्तावेज सीनेट की खुफिया मामलों की समिति ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक संगठन से चुनाव प्रचार से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। समिति राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल की जांच कर रही है।

द वाशिंगटन पोस्ट समाचारपत्र की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने जून, 2015 (चुनाव प्रचार शुरू होने की तिथि) से बाद के दस्तावेज मांगे हैं। इनमें कागजी दस्तावेज के अलावा ई-मेल ओर फोन कॉल के रिकॉर्ड भी मांगे गए हैं। हिलेरी ने ट्रंप की तुलना निक्सन से की राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देने वाली पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रंप की तुलना पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से की है।

मालूम हो कि वाटरगेट कांड में महाभियोग प्रक्रिया चलने से पहले निक्सन ने इस्तीफा दे दिया था। हिलेरी ने मैसाचुसेट्स स्थित वेलेज्ली कॉलेज में भाषण के दौरान यह बात कही। चुनाव के दौरान और उसके बाद रूस से संबंधों को लेकर ट्रंप अपने विरोधियों के निशाने पर हैं।

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