संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी कल: सही समय पर घर-दुकान में करें विशेष काम

गणपति जी का पूजन और उपासना करने से घर में सम्पन्नता, समृद्धि, सौभाग्य और धन का समावेश होता है। शास्त्रों में संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी के दिन किए गए व्रत और पूजन का विशेष महत्व बतलाया गया है। कल 14 फरवरी मंगलवार को ये व्रत पड़ रहा है। चंद्रमा रात 9 बज कर 35 मिनट पर उदय होगा। आंखें नीचे करके चंद्र देव को जल अर्पित करें। संध्या के समय गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। अंत में गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें।


गणेश चतुर्थी पूजन विधि 
गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म मूहर्त में उठकर स्नान आदि से शुद्ध होकर शुद्ध कपड़े पहनें। 


आज के दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना अति शुभ होता है।

 
गणपति का पूजन शुद्ध आसन पर बैठकर अपना मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की तरफ करके करें।

 
पंचामृत से श्री गणेश को स्नान कराएं तत्पश्चात केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा और आरती करें। उनको मोदक के लड्डू अर्पित करें। उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं।

 
श्री गणेश जी का श्री स्वरूप ईशाण कोण में स्थापित करें और उनका श्री मुख पश्चिम की ओर रहे। 

 
आज के दिन किया जाने वाला विशेष काम 
श्री गणेश अपने भक्तों के समस्त विघ्नों को दूर करने के लिए विघ्नों के मार्ग में विकट स्वरूप धारण करके खड़े हो जाते हैं। अपने घर, दुकान, फैक्टरी आदि के मुख्य द्वार के ऊपर तथा ठीक उसकी पीठ पर अंदर की ओर गणेश जी का स्वरूप अथवा चि‍‍त्रपट जरूर लगाएं। ऐसा करने से गणेश जी कभी भी आपके घर, दुकान अथवा फैक्टरी की दहलीज पार नहीं करेंगे तथा सदैव सुख-समृद्धि बनी रहेगी। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी। स्थापना स्थल के समीप बैठकर किसी धर्म ग्रंथ का पाठ रोजाना करेंगे तो शुभ फल मिलेगा।

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