सीमा पर तनाव के बीच जर्मनी में मिलेंगे मोदी-चिनफिंग

पेइचिंग
भारत-चीन के बीच भूटान के डोका ला क्षेत्र को लेकर जहां विवाद चल रहा है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ब्रिक्स देशों के नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान मिलेंगे। चीन के उप विदेश मंत्री ली बेएडॉन्ग ने बताया कि यह बैठक जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हमबर्ग (जर्मनी) में होगी।

इससे पहले मोदी-चिनफिंग की मुलाकात पिछले महीने अस्ताना में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, लेकिन इस सीमा विवाद के बाद दोनों पहली बार मिलेंगे। दोनों नेता सिक्किम सीमा पर तनाव को कम करने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसा चिनफिंग के भारत दौरे पर भी हो चुका है, जब सितंबर 2014 में वेस्टर्न सेक्टर के चुमान सीमा को लेकर विवाद चल रहा था।

बेएडॉन्ग ने कहा कि इस मुलाकात की अध्यक्षता चिनफिंग करेंगे। इस बार ब्रिक्स देशों की अध्यक्षता का मौका चीन को मिला है। उन्होंने बताया कि चीनी राष्ट्रपति अलग-अलग देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि भारत और चीन के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता होगी या नहीं। मोदी सितंबर में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन भी जा रहे हैं।

वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत और भूटान के बीच दरार डालने की कोशिश करते हुए कहा कि भारतीय सैनिक डोका ला में बिना भूटान की जानकारी के घुसे। चीन और भूटान के बीच कोई कूटनीति संबंध नहीं है और यह स्पष्ट नहीं है कि फिर चीनी मंत्री को यह जानकारी कहां से मिली।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार को कहा, 'भूटान को भारतीय सैनिकों के डोका ला में घुसने से पहले जानकारी नहीं थी।' वह भारत के बयान का खंडन करने की कोशिश कर रहे थे जिसमें भारत ने कहा था कि 16 जून को रॉयल भूटान आर्मी ने डोका ला में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के निर्माण कार्य का विरोध किया था। भारतीय सेना इसके दो दिन बाद भूटान के समर्थन में खड़ी हुई थी। चीनी विदेश मंत्रालय 1890 के सिक्कम-तिब्बत संधि के आधार पर अपनी दलीलें दे रहा है, जबकि भारत ने भूटान के डोका ला में चीनी दावे को खारिज किया है।

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