हर मुसीबत से निपटने के लिए आज अवश्य करें ये काम, परिणाम जल्दी आपके सामने होंगे

मंगलवार 31 जनवरी को मासिक श्री सिद्धि विनायक चतुर्थी व्रत है। इस व्रत को अंगारकी श्री गणेश तिल चतुर्थी, वरद चतुर्थी और कुंद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस रोज मुख्य रूप से श्री गणेश और चंद्रमा का पूजन करने का विधान है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक कलियुग में भगवान गणेश के धूम्रकेतु रूप की पूजा की जाती है। जिनकी दो भुजाएं है। किंतु मनोकामना सिद्धि के लिये बड़ी आस्था से भगवान गणेश का चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय है। जिनमें से एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में पाश, तीसरे हाथ में मोदक व चौथे में आशीर्वाद है। इनमें खासतौर पर श्री गणेश के हाथ में मोदक प्रतीक रूप में जीवन से जुड़े संदेश देता है।


श्री सिद्धि विनायक चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश को तिल से बने भोज्य पदार्थ अथवा तिल या गुड़ के बने लड्डुओं का भोग लगाएं।


चंद्रमा के उदय होने पर अर्घ्य दें और पंचोपचार से पूजा करें।


वरद चतुर्थी के दिन गर्म कपड़े, कंबल, कपड़े का दान करना शुभ फल देता है।


वरद चतुर्थी पर बिगड़े काम बनाने के लिए गणेश मंत्र का स्मरण अवश्य करें, परिणाम जल्दी आपके सामने होंगे। 

मंत्र
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

अर्थात भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं।

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