अग्नि-5 के परीक्षण से तिलमिलाया चीन, सुरक्षा परिषद में भारत की करेगा शिकायत

भारत की अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के सफल परीक्षण से तिलमिलाया चीन इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने की तैयारी में है। लेकिन भारत ने कहा है कि वह अपनी रणनीतिक क्षमताएं किसी खास देश को निशाने पर रख कर विकसित नहीं कर रहा है।
 

अग्नि-5 के परीक्षण में सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन किया गया है और भारत दूसरे देशों से भी यही उम्मीद करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और इस दिशा में उसके कदम उसे सामरिक तौर पर स्थिरता दे रहे हैं। 

स्वरूप का यह बयान चीनी विदेश मंत्रालय के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया है चीन को उम्मीद है कि न्यूक्लियर क्षमता वाली भारत की मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों के मुताबिक और दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन के मद्देनजर हुआ होगा। वैसे मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाएगा। 

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है कि भारत परमाणु हथियार ले जाने वाला मिसाइल बना सकता है या नहीं, इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के नियमों में स्पष्ट उल्लेख है। इस मिसाइल से चीन की चिंता इसलिए बढ़ गई है कि इसे उसके खिलाफ बताया जा रहा है।

जापानी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि यह चीनी मिसाइल क्षमता की काट है। हुआ चुनयिंग से जब बार-बार अग्नि-5 से जुड़े सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि यह तो भारत से पूछा जाना चाहिए कि इसका उद्देश्य क्या है। 

अग्नि-5 की मारक क्षमता के दायरे में पूरे एशिया और आधे यूरोप के आ जाने के बाद से मीडिया में इसे लेकर खासी प्रतिक्रिया हुई है। तमाम मीडिया रिपोर्टों में कहा है कि यह पाकिस्तान और चीन को निशाने में रख कर तैयार किया गया है।

हालांकि चीन की इस बढ़ती चिंता को देखते हुए भारत ने कहा है कि अग्नि-5 का किसी खास देश को निशाने में रख कर परीक्षण नहीं किया गया है। लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं चीन इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठा सकता है।

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