अमंगल भी बन सकता है मंगल, बस आज शुभ मंगलमयी मुहूर्त में कर लें ये काम

30 मई को सुबह सूर्य देव के प्रकाशमान होने के साथ आरंभ होगा मंगल पुष्य योग , इसका शुभ प्रभाव संध्या समय लगभग 5.25 तक रहेगा। ऋग्वेद के अनुसार, ये नक्षत्र मंगलकर्ता, वृद्धिकर्ता, आनंद कर्ता एवं शुभ फल देता है। अगर आप अवसर विशेष पर हिम्मत नहीं कर पाते हैं। आपका छोटे भाई से सदैव मनमुटाव रहता है। भूमि खंड के लिए लाख प्रयत्न करने पर भी प्राप्त नहीं होता। अकारण शत्रु उत्पन्न हो जाते हों तो समझ लें कि आप प्रतिकूल मंगल दशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर्दशा का सामना कर रहे हैं। इस समय ऋण लेने से दूर रहना चाहिए। मंगल की अनुकूलता के लिए ज्योतिष में लाल किताब के उपाय वर्णित हैं:


अमंगल भी बन सकता है मंगल, बस कल शुभ मंगलमयी मुहूर्त में कर लें ये काम

सफेद सुरमा नेत्रों में लगाने से राहत मिलती है।


तंदूर में बनी मीठी रोटी बांटें।


तांबा या मूंगा अनामिका उंगली में पहनें।


बहते पानी में रेवडिय़ां, बताशे, शहद एवं सिंदूर बहाएं।


भाई की सेवा करें।


लाल पत्थर के दो टुकड़े लेकर एक टुकड़ा बहते पानी में बहा दें और दूसरा टुकड़ा आजीवन संभाल कर रखें।


गणपति स्रोत, देवी कवच, लक्ष्मी स्रोत या ऋण मोचन स्रोत में से किसी एक को नियमित पढऩा मंगल जनित पीड़ा को खत्म करता है।


ताम्बे के बर्तन में पानी पीना चाहिए।


तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना चाहिए। 


लाल वर्ण के पुष्प जल में बहाने चाहिएं। 


मंगल की अनुकूलता के लिए इन उपायों में से कोई एक भी कर लिया जाए तो भी पर्याप्त है।

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