अमरीकाः पहली बार 3 भारतीय खतना के दोषी करार

 न्यूयॉर्कः अमरीका की एक ग्रैंड ज्यूरी ने 3 भारतीयों को दो नाबालिग लड़कियों के खतना का दोषी करार दिया है। अमरीका में अपनी तरह का यह पहला मामला है। दोषियों में से 2 डॉक्टर और एक डॉक्टर की पत्नी है।  डेट्रॉयट फ्री प्रेस के मुताबिक समझौता न  होने पर इनके खिलाफ मुकदमा चलेगा और इन्हें 5 साल तक की सजा हो सकती है।  ज्यूरी ने बुधवार को फखरुद्दीन अत्तार (53) और उसकी पत्नी फरीदा अत्तार (50) पर लिवोनिया स्थित क्लिनिक में नाबालिग लड़कियों के खतने की साजिश रचने का आरोप तय किया। फखरुद्दीन और उनकी पत्नी फरीदा, दोनों मिशिगन के रहने वाले हैं। दोनों को 21 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। 

इनके साथ ही मिशिगन की भारतीय मूल की महिला डॉक्टर जुमाना नगरवाला (44) पर खतना करने में मदद करने का आरोप तय हुआ है। तीनों पर जांच में बाधा डालने के लिए लोगों से झूठ बोलने के लिए कहने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश का भी आरोप है। आरोपों में कहा गया है कि नगरवाला मिशिगन के लिवोनिया स्थित बुरहानी मेडिकल क्लिनिक (बीएमसी) में नाबालिग लड़कियों का खतना करती थीं। 7 साल की एक लड़की का इसी साल फरवरी में खतना किया गया।

इस क्लिनिक का मालिक और संचालक फखरुद्दीन था। फखरुद्दीन की पत्नी बीएमसी में प्रबंधक अधिकारी थी।ऑनलाइन फिजिशियन डायरेक्टरी के मुताबिक फखरुद्दीन ने 1988 में गुजरात के बड़ौदा मेडिकल कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली गई थी। गौरतलब है कि संघीय अमरीकी कानून में नाबालिग लड़कियों का खतना करना अपराध की श्रेणी में आता है। हालांकि मिशिगन सहित 22 अमेरिकी प्रांतों में यह अपराध नहीं है। संघीय कानून के इस तरह के मामले में आरोप तय किए जाने का यह पहला मौका है।

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