आंदोलन के लिए पंजाब से दिल्‍ली आ रही हैं 40,000 महिलाएं

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 100 दिन से अधिक हो गए हैं। इस बीच किसान संगठनों ने दावा किया है कि 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर होने वाले विरोध प्रदर्शन में हिस्‍सा लेने के लिए पंजाब के विभिन्‍न इलाकों से करीब 40 हजार महिलाएं दिल्‍ली आ रही हैं। किसान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए पंजाब के कुछ जिलों में ट्रैक्‍टर रैली भी निकाली गईं। पंजाब के बरलाना में कई ट्रैक्‍टर महिला द्वारा चलाए गए। वहीं बठिंडा में पुरुष और महिलाएं दोनों ने ट्रैक्‍टर चलाए।
  भारतीय किसान यूनियन (दकोंडा) की महिला ईकाई की राज्‍य कमेटी सदस्‍य बलबीर कौर ने बताया, 'कई महिलाएं अपने बच्‍चों की आगामी परीक्षाओं को लेकर व्‍यस्‍त हैं। इनमें से अधिकांश महिलाएं 9 मार्च को पंजाब वापस आ जाएंगी। जबकि कुछ वहीं रुकेंगी। सभी किसान संगठनों में सबसे बड़ी महिला ईकाई भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) की है। इसके महासचिव ने कहा, 'पंजाब से महिलाएं 500 बसों, 600 मिनी बसों, 115 ट्रकों और 200 छोटे वाहनों से दिल्‍ली कूच करेंगी। हजारों महिलाएं टीकरी बॉर्डर पर पहुंचकर महिला दिवस समारोह मनाएंगी।' इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक तीन नए कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

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