आधार मामला: ‘प्राइवेसी का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं’

पैन कार्ड को आधार से लिंक करने के केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने या फिर नहीं लगाने पर अब सुप्रीम कोर्ट के 9 जज फैसला लेंगे। इस मामले के लिए पहले से गठित की गई 5 जजों की संविधानिक पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के बाद मामला 9 जजों की एक नई संविधानिक पीठ को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। 
अब 9 जजों की संविधानिक पीठ इस मामले की नए सिरे से सुनवाई करेगी, जिसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। केंद्र सरकार के आधार को पैन कार्ड से लिंक करने के आदेश के बाद इसके खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थी। इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने आधार योजना की वैधता को चुनौती देने के साथ निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया है।

पहले से गठित पांच सदस्य वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायाधीश जे चेमलेश्वर, एमए बोब्दे, डीआई चंद्रचूड़ और एस अब्दुल नजीर हैं। इस महीने की 12 तारीख को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और वरिष्ठ वकील श्याम दीवान द्वारा संयुक्त रूप से मामलों को उठाने के बाद आधार से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट एक पीठ बनाने पर सहमत हुआ था।

ये दोनों वकील उन याचिकाओं के संबंध में पेश हुए थे जिनमें विभिन्न जनहित योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य करने के सरकार के कदम को चुनौती दी गई है।

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