आसमान छूती महंगाई के खिलाफ पाकिस्तान में जोरदार प्रदर्शन, लोगों ने टायर जलाकर सड़कें जाम की

पेशावर । आसमान छूती महंगाई के खिलाफ पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कई शहरों में पेट्रोलियम उत्पादों और गेहूं के आटे की कीमतों में वृद्धि के विरोध में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किए गए। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों में वृद्धि के खिलाफ कई कस्बों और जिलों में रैली की। प्रदर्शनकारियों ने कीमतों में बढ़ोतरी को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सत्ता में आने के बाद से सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार नियमित रूप से पेट्रोलियम उत्पादों और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ा रही है। ईंधन और अन्य उपयोगिताओं की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी को लेकर इमरान खान सरकार पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने रविवार को पाकिस्तान तारिक-ए-इंसाफ सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया था। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ और पीडीएम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह फैसला किया गया। पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों के अलावा पीटीआई सरकार ने देश में बिजली और गैस की दरों में भी बढ़ोतरी की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खाद्य तेल और घी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों और उच्च ऊर्जा लागत ने पाकिस्तान में लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी रविवार को इमरान खान सरकार को उसकी "जनविरोधी" नीतियों के लिए फटकार लगाई और सत्तारूढ़ पीटीआई सरकार के खिलाफ तब तक विरोध जारी रखने का वादा किया जब तक कि उसे पैकिंग नहीं भेज दी जाती। कराची में एक रैली को संबोधित करते हुए बिलावल के हवाले से मीडिया ने कहा, मैं इमरान खान को चेतावनी दे रहा हूं कि इमरान सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। पाकिस्तान पीपीपी और मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) दोनों ने कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ सड़कों पर उतरने का वादा किया, लेकिन विरोध के लिए कोई तारीख नहीं दी। इससे पहले बुनियादी सुविधाओं व गैस की कमी को लेकर शहर के निवासियों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया और सात घंटे तक टायर जलाकर सिंधु राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार  पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तेल और गैस की खोज करने वाली कंपनियों की सेंट्रल प्रोसेसिंग फैसिलिटी (सीपीएफ) के बाहर धरना देने के लिए बांदा दाऊद शाह जाने से रोक दिया। नेशनल असेंबली के पूर्व सदस्य और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के कार्यकर्ता मौलाना शाह अब्दुल अजीज- जिन्होंने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया ने पहले सीपीएफ के बाहर निवासियों को गैस के प्रावधान में देरी के खिलाफ 'सशस्त्र प्रदर्शन' करने की घोषणा की थी।
कुछ हथियारबंद लोगों सहित प्रदर्शनकारी शनिवार सुबह बांदा दाऊद शाह की ओर बढ़ने लगे लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस ने उन्हें अंबरी कल्लाय चौक पर रोक दिया। रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर लगे पुराने टायरों में आग लगा दी और करीब सात घंटे तक यातायात के लिए मार्ग अवरुद्ध कर दिया। करक के सहायक आयुक्त हामिद इकबाल ने शाह अब्दुल अजीज और एक स्थानीय अधिकार संगठन के नेताओं के साथ बातचीत की। खबरों के मुताबिक प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को बांदा दाऊद शाह जाने की इजाजत दी, जहां उन्होंने सीपीएफ के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।

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