इराक में मारे जा चुके हैं 39 भारतीय ??

नई दिल्ली.  इराक में गायब 39 भारतीयों को लेकर सरकार को भरोसा है कि वो सुरक्षित हैं. वहीं ISIS आतंकियों के चंगुल से बचकर भारत लौटा गुरदासपुर का हरिजीत  का दावा है कि आतंकियों ने उसके सामने ही सभी लोगों को मार दिया. पर उसकी बात पर किसी ने यकीन नहीं किया. साथ ही अगवा हुए भारतीयों के परिजनों को उम्मीद है कि उनके अपने आज नहीं तो कल लौट आएंगे.

बता दें कि 3 साल से बार बार गुरदासपुर का हरिजीत का कहना है कि बगदादी के खुंखार आतंकियों ने 39 भारतीयों को उसके सामने ही मार दिया. उन्होंने बताया कि पहले किडनैप किया दो दिन साथ रखा फिर मार दिया. ये बात मैं बारबार नहीं कहना चाहता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कोई एक दो बचा हो वरना सब मारे गए.

दरअसल मोसुल से आतंकियों ने 80 लोगों का अपहरण किया था. इसमें 40 भारत के थे और 40 बांग्लादेशीसबको बगदादी के आंतकी बदूश लेकर गए. हरिजीत भी उन्हीं 40 में से एक है. बता दें कि आतंकियों ने तीन साल पहले हरिजीत नाम के शक्स को छोड़ दिया.

हरिजीत  ने बताया कि आतंकियों ने उसे भी गोली मारी थी, पर वो बच गया. इसके बाद में उन्होंने  खुद को बांग्लादेशी बताया और वहां से भाग निकला. मोसुल से भागकर  हरिजीत हिंदुस्तान आए. इसके बाद उन्होंने सबको ये बात बताई मगर किसी ने हरिजीत की बात का भरोसा नहीं किया.

बगदादी के आंतिकियों ने जिन 40 लोगों को अगवा किया था उसमें अमृतसर के भोइवाल गांव के  मनजिंदर भी थे. उसके परिवार के लोग कुछ अच्छी खबर का इंतजार कर रहे हैमनजिंदर की बहन गुरपिंदर कौर ने बताया कि हरिजीत की बातों पर उन्हें भरोसा नहीं हो रहा. उनका कहना है कि वो झूठ बोल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर वो बच सकता है तो और क्यों नहीं ?

 

बता दें कि जिन 39 भारतीयों को 11 जून 2014 को मोसुल से आईएसआईएस आतंकियों ने अगवा किया था. उनमें हिमचाल प्रदेश, पंजाब, बिहार, और केरल के रहने वाले भारतीय थे. अगवा भारतीय परिजनों की तलाश पिछले तीन साल से हो रही है. मगर अबतक कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा है. तीन साल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 9 बार इन परिवारवालों से मिल चुकी हैं. लेकिन इन मुलाकातों का फिलहाल कोई मतलब निकलता नहीं दिख रहा. परिवार वालों को उम्मीद है कि आज नहीं तो कल उनके बच्चे लौट आएंगे.

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