उन्नाव से लेकर हरिद्वार तक गंगा में फेंका कूड़ा तो लगेगा 50,000 हजार जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा सफाई को मद्देनजर रखते हुए कड़ा रुख अपनाया है। एनजीटी ने अपने अधिकारियों को कठोरता से निर्देश दिया है कि गंगा नदी में अगर 500 मीटर के अंदर कोई कूड़ा डालता है तो उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। एनजीटी ने आगे कहा कि नदी के 100 मीटर के अंदर तक किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा। 
 

 
एनजीटी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हरिद्वार से उन्नाव तक अगर कोई गंगा नदी के 100 मीटर के अंदर कचरा फेंकता है तो उन लोगों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। 

 


इसके पहले हाल में एनजीटी ने पूरे देश में खतरनाक चीनी मांझे पर प्रतिबंध लगाया था प्रधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि तत्काल प्रभाव से नाइलॉन या किसी भी सिंथेटिक मटेरियल से बना जो नष्ट न होने लायक (नॉन-बॉयोडिग्रेडेबल) हो उसके निर्माण, आयात, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। इन खतरनाक मांझों की वजह से जीवन और पर्यावरण दोनों को खतरा था। हर वर्ष देश के अलग-अलग हिस्सों से मांझे की वजह से भयावह हादसों की खबरें आती रहती हैं।      
मामले में जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) के मामले में यह फैसला सुनाया था।

गौरतलब है कि एनजीटी पर्यावरण से संबंधित कानूनी अधिकारों के प्रवर्तन एवं व्यक्तियों और संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता और क्षतिपूर्ति देने और  उससे जुड़े मामलों को निपटाता है। एनजीटी के क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और जल्द से जल्द निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गयी है। 

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