एक हार का मतलब भारतीय टीम का टूर्नामेंट से बाहर होना नहीं

सुबह उठने के बाद मैंने जैसे ही पर्दे हटाए तो मैंने सूरज को अपनी पूरे तेज के साथ चमक बिखेरते देखा। एक बार फिर गहरे अंधेरे के बाद सूरज की उजली किरण नजर आई। भारतीय टीम को यही बात याद रखनी होगी, फिर भले ही टीम को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के हाथों एकतरफा हार का सामना करना पड़ा हो। विराट कोहली की असाधारण उपलब्धियों के बावजूद अब उनके साथ करीब 30 साल में विश्व कप में पाकिस्तान के हाथों हारने वाला पहला भारतीय कप्तान बनने का अनचाहा तमगा जुड़ गया है।

विराट कोहली ने साफ कर दिया कि ये भारत का दिन नहीं था और अब टीम इस मैच से सबक सीखेगी और आगे बढ़ेगी। जी हां, भारत अब भी आइसीसी विश्व कप जीत सकता है क्योंकि एक हार का ये मतलब नहीं है कि टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई है। महान टीमें खुद को जमीन से उठा लेती हैं और भारतीय टीम ऐसा करने में सक्षम है। इसीलिए ये अहम है कि पाकिस्तान से मिली हार के लिए दूसरे खिलाड़ियों पर अंगुली उठाने की बजाय टीम के साथ खड़ा हुआ जाए।

शाहीन शाह अफरीदी ने अपने शुरुआती स्पैल की धमाकेदार शुरुआत की और दोनों ओपनर रोहित शर्मा केएल राहुल को आउट कर दिया। इसके बाद सूर्यकुमार यादव खराब शाट खेलकर आउट हुए और महम्मद रिजवान ने उनका जबरदस्त कैच पकड़ा, जिन्होंने बाद में कप्तान बाबर आजम के साथ मिलकर जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए टीम को बिना विकेट खोए जीत दिला दी। ये ऐसी जीत थी जो टीम को ये विश्वास देगी कि वो बेहद मजबूत दल है। पाकिस्तान को अब न्यूजीलैंड का सामना करना है। बेशक दर्शकों के लिए ये मैच इतना बड़ा हो लेकिन पाकिस्तान को इस मुकाबले को उतनी ही शिद्दत से खेलना होगा जैसा खेल उसने भारत के खिलाफ दिखाया। न्यूजीलैंड की टीम छिपी रुस्तम है और विरोधी टीमों को चौंकाने की काबिलियत रखती है।

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