कमला हैरिस ने अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है.

हैरिस (56) ने कई मिसालें कायम की है. वह सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं.
जानिए कौन हैं अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति कमला हैरिस…
कमला हैरिस ने अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है.

वाशिंगटन: कमला हैरिस (Kamala Harris) ने अमेरिका की पहली महिला, पहली भारतवंशी, पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति (Vice President ) बनकर इतिहास रच दिया है. ‘फीमेल ओबामा' (Female Obama) के नाम से लोकप्रिय हैरिस सीनेट की सदस्य भी पहली बार ही बनी थीं. नवम्बर में अपनी जीत के बाद ऐतिहासिक भाषण में हैरिस ने अपनी दिवंगत मां श्यामला गोपालन, भारत की एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, को याद करते हुए कहा था कि उन्होंने उनके राजनीतिक करियर में इस बड़े दिन के लिए उन्हें तैयार किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि वह उपराष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाली पहली महिला हो सकती हैं, लेकिन वह अंतिम नहीं होंगी.

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हैरिस (56) ने कई मिसालें कायम की है. वह सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं. राष्ट्रपति चुनाव (America Presidential Election 2020) के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन (Joe Biden) ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था. अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन की किसी समय हैरिस कटु आलोचक थीं. 56 वर्षीय हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों में से एक हैं. ओबामा के कार्यकाल में वह ‘फीमेल ओबामा' के नाम से लोकप्रिय थीं. 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे. यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया.

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हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से पढ़ाई करने वाली कमला अभी सात ही बरस की थीं, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए. कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा. हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था. कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया. वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं. बाइडेन-हैरिस की प्रचार वेबसाइट पर इस संबंध में कमला ने अपनी आत्मकथा ''द ट्रुथ्स वी होल्ड'' में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर रिसर्चर और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को ''श्यामला एंड द गर्ल्स'' के नाम से जाना जाने लगा.

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हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. 2003 में वह सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं. 2010 में वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं. 2017 में हैरिस कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं. कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं.

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