कर्मचारियों का PF योगदान घटाने का प्रस्ताव खारिज

पुणे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक में कर्मचारियों और सेवायोजक का पीएफ में योगदान घटाकर 10 फीसद करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

हालांकि शेयर आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश की सीमा बढ़ाकर 15 फीसद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इस समय ईपीएफओ ईटीएफ में 10 फीसद तक निवेशक करता है।

यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दी है। सीबीटी की बैठक दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कर्मचारी, सेवायोजक और सरकार के प्रतिनिधियों ने योगदान घटाने के प्रस्ताव पर सवाल उठाये।

इस वजह से योगदान पूर्ववत 12 फीसद रखने का फैसला किया गया। इस समय कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 फीसद कर्मचारी और इतना ही सेवायोजक की ओर से जमा कराया जाता है।

इसका कुछ हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम और कर्मचारी बीमा योजना में भी जाता है। दत्तात्रेय ने बताया कि ईपीएफओ के मौजूदा रिटर्न पर विचार करने के बाद ईटीएफ में निवेश की सीमा 10 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद करने का फैसला किया गया।

सरकार ने 2015 में ईटीएफ में निवेश का फैसला किया था। इसके बाद पांच फीसद राशि इसमें लगाई गई थी। इसके बाद 2016 में यह राशि बढ़ाकर 10 फीसद कर दी गई।

दत्तात्रेय ने संवाददाताओं को बताया कि पहले साल ईपीएफओ द्वारा 6577 करोड़ रुपये निवेश किया गया। इसके बाद दूसरे साल यह राशि बढ़कर 14982 करोड़ रुपये हो गई।

अप्रैल 2017 में 22858.69 करोड़ रुपये का ईटीएफ में निवेश था। उन्होंने बताया कि इस निवेश पर इस पर ईपीएफओ को 13.73 फीसद का रिटर्न मिला।

इस निवेश के माध्यम से 234.86 करोड़ रुपये के लाभांश की भी आय हुई। ईपीएफओ को प्राप्त इस आय के सदस्यों के बीच वितरण के सवाल पर श्रम सचिव एम. साथियावती ने कहा कि ईपीएफओ सेंसेक्स, निफ्टी और सार्वजनिक उपकरण क्षेत्र के ईटीएफ में पैसा निवेश कर रहा है। सिर्फ इन क्षेत्रों में ही निवेश की अनुमति दी गई है।

ईटीएफ में निवेश से बाहर निकलने के बारे में हमें नीति बनानी होगी। एक बार निश्चित रिटर्न हासिल करने के बाद निवेश निकाल लिया जाएगा और मूल राशि वापस जमा कर दी जाएगी।

इस मिला रिटर्न सदस्यों के बीच वितरित किया जाएगा। आज की बैठक में निवेश की एक्जिट नीति पर भी चर्चा हुई।

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